संसद में नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका न दिए जाने पर बहस जारी है. इस चर्चा में संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं पर बात की गई. एक पक्ष का कहना है कि जब भी नेता प्रतिपक्ष खड़े होते हैं, उन्हें बोलने और हस्तक्षेप करने का मौका मिलना चाहिए.