सियासत नींबू निचोड़ के...ये नाम हमने इसलिए रखा है क्योंकि मौजूदा दौर की सियासत बेहद खट्टी है, कहीं आतंक के नाम पर होने वाली सियासत है तो कहीं हिंदू मुसलमान के नाम की सियासत है, कहीं मंदिर के नाम की सियासत है तो कहीं मस्जिद के नाम की सियासत है, कहीं अजान के नाम पर सियासत है तो कहीं हनुमान चालीसा के नाम पर सियासत है,इस खट्टी सियासत के बीच महंगाई की मार ने जिंदगी को खट्टा कर दिया है,बाकी तो छोड़िए, अपने स्वभाव से ही खट्टा रहने वाले नींबू पर भी महंगाई का खट्टापन चढ़ गया है. आम आदमी महंगाई की मार से बिल्कुल नींबू की तरह निचोड़ दिया गया है.