समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ एक मस्जिद में बैठक की, जिससे राजनीतिक गलियारों में जबरदस्त विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी और अन्य दलों ने इसे समाजवादी पार्टी की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा बताया है.