ट्रांसक्रिप्ट के अनुसार, गोताखोरी को दुनिया का दूसरा सबसे खतरनाक पेशेवर माना गया है. भारतीय नौसेना के गोताखोर पानी के नीचे रहकर देश की रक्षा का दायित्व निभाते हैं. इनकी जिम्मेदारी में पानी के भीतर बचाव कार्य और उपकरणों का बचाव शामिल है.