भागवत कथा के अधिकार को लेकर एक बड़ी बहस छिड़ गई है. एक पक्ष का कहना है कि "भागवत कथा का अधिकार ब्राह्मण का है और अन्न जाति का नहीं है". वहीं, दूसरे पक्ष का मानना है कि "यह एक कॉपीराइट नहीं है कि सिर्फ ब्राह्मण ही कहें" और कोई भी योग्य व्यक्ति कथा सुना सकता है.