भारत में ऐसे अनेक संत-महात्माओं ने जन्म लिया, जिनका संपूर्ण जीवन एक आदर्श के रूप में आज भी लोगों को धर्म की राह पर चलने की प्रेरणा देता है. आज हम आपको एक ऐसे दिव्य संत के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी हिंदू जीवन पद्वति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलवाने में अहम भूमिका रही है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं पर नजर डालें तो उन्हें भगवान शंकर का अवतार भी माना है. ये हैं संत आदि शंकराचार्य जिन्होंन मात्र 2 वर्ष की आयु में सारे वेदों, उपनिषद, रामायण, महाभार को कंठस्थ कर लिया था और 7 वर्ष की आयु में संन्यास ले लिया था. शंकराचार्य ऐसे संन्यासी थे जिन्होंने गृहस्थ जीवन त्यागने के बाद भी अपनी मां का अंतिम संस्कार किया. देखें ये वीडियो.