कांग्रेस नेता राहुल गांधी से ईडी की टीम लगातार तीसरे दिन पूछताछ कर रही है. ईडी राहुल से मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी कंपनी यंग इंडिया की एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) में भूमिका के बारे में जानकारी ले रही है. अब तक की पूछताछ में ईडी राहुल के जवाबों से संतुष्ट नहीं देखी जा रही है. यही वजह है कि राहुल लगातार तीसरे दिन ईडी दफ्तर तलब किया है.
बुधवार को राहुल गांधी दोपहर 12 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे. यहां उनसे ईडी ने कई सवाल लिए. राहुल गांधी ने कथित तौर पर पूछताछ के दौरान ईडी अफसरों को बताया कि यंग इंडिया कंपनी एक गैर लाभकारी कंपनी है. जिसे कंपनी अधिनियम के विशेष प्रावधान के तहत शामिल किया गया था. यंग इंडिया कंपनी से एक पैसा भी नहीं निकाला गया है.
सूत्रों के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने राहुल गांधी के दावे का खंडन किया और आरोप लगाया कि कंपनी की 2010 में स्थापना हुई, उसके बाद से अब तक कोई धर्मार्थ कार्य (charitable work) नहीं किया है. अधिकारियों ने राहुल गांधी से कहा कि अगर यंग इंडिया ने कोई धर्मार्थ कार्य किया है तो वे दस्तावेज या सबूत जमा करें.
बता दें कि नवंबर 2010 में यंग इंडिया कंपनी का गठन हुआ था. इस कंपनी में 38 फीसदी हिस्सेदारी सोनिया गांधी की थी और 38 फीसदी हिस्सेदारी राहुल गांधी की थी.
इससे पहले सोमवार और मंगलवार को भी लगातार दो दिन तक राहुल ने ईडी के सवालों के जवाब दिए. सोमवार को साढ़े आठ घंटे और मंगलवार को करीब 10 घंटे राहुल गांधी से सवाल-जवाब होते रहे. अब तक राहुल से करीब 19 घंटे तक सवाल जवाब हो चुके हैं और सिर्फ 25 सवाल ही हो पाए हैं और बताया जा रहा है कि ईडी राहुल के जवाबों से संतुष्ट नहीं है.
ये भी जानकारी सामने आई है कि राहुल गांधी से ईडी ने कई सवाल कई बार पूछे. पहले राउंड की पूछताछ के दौरान दस्तावेजों के आधार पर कांग्रेस नेता के सामने सवालों की बौछार की गई. कुछ ट्रांसेक्शन भी दिखाए गए और पूछा गया अगर वे इसके बारे में कुछ जानते हैं.
राहुल से कोलकाता की उस कंपनी को लेकर सवाल पूछा गया जिसे फर्जी बताया गया. ईडी ने दावा किया कि इसी फर्जी कंपनी के जरिए उस कंपनी को 50 लाख रुपये दिए गए जिसमें राहुल और सोनिया दोनों के 38 फीसदी शेयर रहे. कुछ दूसरी कंपनियों और लेनदेन को लेकर भी सवाल किए गए. लेकिन बताया जा रहा है कि ईडी राहुल गांधी के जवाबों से संतुष्ट नहीं है. इसी वजह से उन्हें फिर पूछताछ के लिए समन दिया गया है.