सायबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं. अब तो जालसाज लोगों को डिजिटल अरेस्ट भी कर लेते हैं. इसके कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जिसमें भोले-भाले या कम पढ़े-लिखे लोग ही नहीं फंसते हैं. कई बार तो पढ़े-लिखे और जानकार भी ठगों के झांसे में आ जाते हैं. ताजा मामला बेंगलुरु की एक महिला वकील से ठगी करने का सामने आया है.
जालसाजों ने 'नारकोटिक्स' टेस्ट का झांसा देकर महिला वकील को कैमरे के सामने कपड़े उतारने के लिए मजबूर कर दिया. इसके बाद उन्होंने महिला से 10 लाख रुपये से अधिक की उगाही कर ली. पुलिस ने 'आजतक' को बताया कि 5 अप्रैल शुक्रवार को आरोपी व्यक्तियों ने अपनी पहचान सीमा शुल्क विभाग में मुंबई के अधिकारियों के रूप में देते हुए महिला को फोन किया.
कपड़े उतारने का वीडियो किया रिकॉर्ड, फिर...
इसके बाद उन्होंने दावा किया कि उसके नाम पर एक एमडीएमए पैकेज सिंगापुर से भेजा गया था. इसके बाद उन्होंने वीडियो कॉल पर महिला से कहा कि उसे ‘नार्कोटिक्स टेस्ट’ कराना होगा. इस जांच के नाम पर आरोपियों ने महिला को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया और इसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया.
महिला ने ईस्ट सीईएन पुलिस को बताया कि यह घटनाक्रम दो दिनों तक चलता रहा. इसके बाद उन्होंने महिला को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया कि अगर उसने उनके खाते में 10 लाख रुपये ट्रांसफर नहीं किए, तो वे इस वीडियो ऑनलाइन अपलोड कर देंगे. जालसाजों की धमकी से महिला वकील घबरा गई और आरोपियों के खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए.
बाद में महिला ने रविवार 7 अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, जबरन वसूली और धोखाधड़ी से संबंधित कानूनों के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. इसके साथ ही आरोपियों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके मोबाइल नंबर और बैंक खाते का टेक्निकल सर्विलांस शुरू कर दिया है.
जानिए क्या होता है डिजिटल अरेस्ट, कैसे बचें
कानून की भाषा में डिजिटल अरेस्ट नाम की कोई चीज नहीं. मगर, ठगों की भाषा में यह बेहद महत्वपूर्ण हो चला है. नोएडा और फरीदाबाद के मामलों में भी ऐसा ही हुआ. डिजिटल अरेस्ट के मामले में स्कैमर्स एक वर्चुअल लॉकअप भी बना देते हैं और अरेस्ट मेमो पर दस्तखत भी डिजिटल कराया जाता है. इनसे बचने के लिए आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है. किसी भी अनजान नंबर से आई कॉल की जानकारी पर भरोसा न करें. किसी भी जांच एजेंसी का अधिकारी मोबाइल फोन के कैमरे पर आपको रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकता.