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इस रेलवे स्टेशन पर बीते 6 महीने से ट्रेन में सफर के लिए नहीं मिला टिकट, जानिए वजह

बिहार के मधेपुरा में स्थित मिठाई रेलवे स्टेशन, जहां बीते 6 महीनों से टिकट नहीं मिल रहा है. इसका निर्माण देश की आजादी के समय हुआ था. मिठाई स्टेशन से हर दिन कई लोग यात्रा करते हैं, लेकिन उन्हें स्टेशन पर टिकट नहीं मिलता है.

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Indian Railways
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बिहार के मधेपुरा जिला मुख्यालय से सटा मिठाई रेलवे स्टेशन आजादी के समय बना था, जो आज भी सुविधाओं के लिए तरस रहा है. लगभग 6 महीने से मिठाई स्टेशन पर टिकट नहीं मिल रहा है. जानकारी के अनुसार, मिठाई स्टेशन का टेंडर पूर्व में ही समाप्त होने के बाद अब तक नया टेंडर नहीं आया है, जिसकी वजह से इस रेलवे स्टेशन पर 6 महीने से यात्रा करने के लिए टिकट नहीं कटा है. 

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मिठाई रेलवे स्टेशन पर कोई कर्मचारी नहीं है. टिकट घर में बहुत गंदगी है और मिठाई स्टेशन से प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में लोग यात्रा करते हैं वह भी बिना टिकट के आखिर इसका जिम्मेदार कौन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों का जिम्मेदार मिठाई रेलवे स्टेशन खुद है क्योंकि यहां कोई टिकट नहीं मिलता है. यहां टिकट के लिए बीते दिनों धरना प्रदर्शन भी किया गया था, लेकिन अब तक विभाग के द्वारा किसी प्रकार की कोई सुध नहीं ली गई है. जिसके कारण रेलवे को बाहरी राजस्व की क्षति होने का अनुमान लगाया जा रहा है. 

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मिठाई रेलवे स्टेशन का भवन बहुत पुराना हो गया है. आधुनिकता के नाम पर स्टेशन पर कोई नया निर्माण नहीं हुआ है. क्षेत्र की आबादी के साथ ही ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन रेलवे स्टेशन पर आज भी सिर्फ लोकल गाड़ियों का ही ठहराव है. मिठाई रेलवे स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं का पूरी तरह से अभाव है. यहां पेयजल की सुविधा नहीं है और स्टेशन का भवन जर्जर हो चुका है. स्टेशन पर यात्रियों के खड़े होने के लिए शेड नही हैं. यात्रियों को बैठने के लिए सुविधा नहीं है. ज्यादातर यात्रियों को धूप में या बरसात में खड़े होकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है. 

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मिठाई रेलवे स्टेशन पर शुद्ध पानी की व्यवस्था तक नहीं है. यहां से यात्रा करने वाले लोगों को टिकट नहीं मिलने के कारण ट्रेन में या बड़े स्टेशनों पर टिकट निरीक्षक के द्वारा जुर्माना लगाया जाता है, जिससे आम लोगों को अतिरिक्त आर्थिक क्षति हो रही है. वहीं इसके साथ-साथ रेलवे को भारी राजस्व की क्षति हो रही है. 

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नही है कोई मूलभूत सुविधा, गंदगी से भरा पड़ा है स्टेशन परिसर

अंग्रेजों के समय में बना मिठाई रेलवे स्टेशन काफी प्रचलित था, लेकिन जब से बड़ी लाइन की शुरुआत यहां से की गई है तब से यह रेलवे स्टेशन हाल्ट में बदल गया है और खंडर जैसी स्थिति पैदा हो गई है. यहां ना तो यात्रियों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था है ना तो खड़े होने के लिए कोई व्यवस्था है. शुद्ध पानी के लिए हैंडपंप भी नहीं है, जबकि हैंडपंप के लिए चार पाइप लगी है और स्टेशन पर चारो तरफ गंदगी फैली हुई है. सफाई भी सही ढंग से नहीं होती है. शौचालय तो बना है, लेकिन देखरेख के अभाव में शौचालय भी गंदगी की भेंट चढ़ गया है. 

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बता दें कि मिठाई रेलवे स्टेशन अंग्रेज काल में बना था, जहां हाल के कुछ समय तक बिना सिग्नल की गाड़ी चलती थी, लेकिन निजीकरण होने के बाद यहां भी सिग्नल लगाया गया था. इसके बावजूद स्टेशन की मूलभूत सुविधाओं को नजर अंदाज करते हुए इसे खंडहर होने के लिए छोड़ दिया गया. मिठाई रेलवे स्टेशन को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि यहां के सरकारी कर्मचारी किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. 

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सरकार नहीं दे रही ध्यान

मधेपुरा लोकसभा से दिनेश चंद्र यादव दूसरी बार सांसद चुने गए हैं, जिसके बावजूद भी मिठाई रेलवे स्टेशन के बारे में सांसद महोदय ने कोई चर्चा नहीं की है. जबकि अन्य क्षेत्र के सांसद, विधायक अपने इलाके के विकास को लेकर सदन में आवाज उठाते रहते हैं, वहीं स्थानीय विधायक प्रो चंद्रशेखर तीसरी बार मधेपुरा के विधायक चुने गए हैं. इसके बावजूद भी सभी प्रतिनिधि इस अंग्रेज काल के रेलवे स्टेशन को लेकर सभी चुप्पी साधे हुए हैं. 

(मधेपुरा से मुरारी की रिपोर्ट)

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