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Explained: तमिलनाडु और उसके आसपास इतनी भारी बारिश क्यों हो रही है ?

इस समय तमिलनाडु में बारिश मुख्य रूप से पूर्वोत्तर मानसून के कारण हो रही है. मौसम विभाग ने कहा कि 9 अक्टूबर से चक्रवाती गतिविधियों के चलते समुद्र के ऊपर 50 से 60 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. जोकि बाद में 11 और 12 नवंबर के आसपास तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों की ओर बढ़ सकती हैं.

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फोटो सौ. (PTI)
फोटो सौ. (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चेन्नई में 6 साल के बाद भारी बारिश का कहर
  • पूर्वोत्तर मानसून के कारण हो रही है बारिश
  • IMD के मुताबिक 11 नवंबर तक रहेगी जारी

छह साल से अधिक के अंतराल के बाद, तमिलनाडु के कई भागों और चेन्नई में पिछले 24 घंटे के दौरान मूसलाधार ज्यादा बारिश हुई. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, ये बारिश 11 नवंबर तक जारी रहने की संभावना है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने बचाव और राहत कार्यों में मदद के लिए तीन क्षेत्रों में टीमों को तैनात किया है.

IMD ने एक बयान में कहा, ''दक्षिण आंध्र प्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु तट के पास पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना  हुआ है. जिसके प्रभाव से एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की उम्मीद है, जो उत्तर-पश्चिम दिशा में तमिलनाडु तट की ओर बढ़ेगा. बंगाल की खाड़ी से तमिलनाडु के समंदर तक साइक्लोनिक प्रेशर के कारण मौसमी गतिविधियां बदल रही हैं. जिसका असर आंध्र प्रदेश एवं पुडुचेरी में भी दिखाई दे रहा है.''

बता दें, बारिश से संबंधित घटनाओं में करीब चार लोगों की मौत हो गई और एक घायल हो गया. जबकि, 250 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए. तमिलनाडु सरकार ने इसके चलते चेन्नई में 160 राहत केंद्र खोले हैं.

तमिलनाडु में बारिश क्यों हो रही है?

इस समय तमिलनाडु में बारिश मुख्य रूप से पूर्वोत्तर मानसून के कारण हो रही है. पहले, आईएमडी ने प्रायद्वीपीय भारत में पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत 26 अक्टूबर के आसपास होने की संभावना जताई थी.

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भारत अधिकांश वर्षा दो मानसून ऋतुओं से प्राप्त करता है, जबकि 75 प्रतिशत वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है. उत्तर-पूर्वी मानसून की बारिश दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर हवा के पैटर्न में बदलाव के कारण होती है, क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसून कम होता है. अभी पूर्वोत्तर मानसून तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, यनम, तटीय आंध्र प्रदेश, केरल, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, माहे और लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों पर हावी है.

फोटो सौ. (PTI)

बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाले क्षेत्र बनने की संभावना

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाले क्षेत्र के बनने की संभावना जताई है. ये कम दबाव का क्षेत्र तमिलनाडु के उत्तरी तटों की ओर बढ़ेगा, जिसके चलते हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में चक्रवाती गतिविधियां देखने को मिल रही हैं. इसके चलते 9 नवंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जो अगले 48 घंटों में और गंभीर रूप धारण कर सकता है. इन चक्रवाती गतिविधियों के उत्तरी तमिलनाडु के तटों की ओर बढ़ने की संभावना है. बता दें, अक्टूबर में पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत के बाद से ही तमिलनाडु और पुडुचेरी क्षेत्रों में लगभग 43 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है.

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चेन्नई में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक डॉ. एस बालचंद्रन ने कहा कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच की अवधि तीव्र चक्रवात उत्पन्न करने के लिये जानी जाती है जो भारतीय तटों को प्रभावित करती है. इससे आसपास के क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता और हवा की गति प्रभावित होती है.

10 नवंबर को हो सकती है भारी बारिश

IMD के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, पूर्व-मध्य अरब सागर पर दबाव पिछले छह घंटों के दौरान पांच किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा है और मुंबई से लगभग 840 किमी दक्षिण-पश्चिम और पंजिम से 790 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में है. इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 24 घंटों के दौरान एक दबाव की तीव्रता बनाए रखने की संभावना है.

IMD ने यह भी कहा कि 9 अक्टूबर से चक्रवाती गतिविधियों के चलते समुद्र के ऊपर 50 से 60 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. जोकि बाद में 11 और 12 नवंबर के आसपास तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों की ओर बढ़ सकती हैं. मौसम विभाग ने 10 नवंबर के लिए भारी बारिश की आशंका जताई है.

 

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