प्रदूषण को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO Guidelines for Air Pollution) ने बुधवार को नई एयर क्वालिटी गाइडलाइंस जारी की हैं. इन गाइडलाइंस के हिसाब से देखा जाए तो लगभग पूरा भारत ही प्रदूषित कैटेगरी में आ गया है. WHO दुनिया को क्लीन एनर्जी की तरफ लेकर जाने का प्रयास कर रहा है, इसके तहत ही नए पैमाने सेट किए गए हैं. 2005 के बाद पहली बार एयर क्वालिटी गाइडलाइंस को सख्त किया गया है.
WHO ने यह भी दावा किया कि वायु प्रदूषण की वजह से ही हर साल दुनिया में 70 लाख लोगों की मौत होती है, साथ ही साथ यह लोगों के जीवन के कीमती सालों को भी कम करता है.
भारत में प्रदूषण कितनी गंभीर समस्या है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नई गाइडलाइंस के हिसाब से देखें तो अब लगभग पूरा भारत की प्रदूषित क्षेत्र वाली कैटेगिरी में आ गया है. पहले से तय मानकों पर भी बहुत से शहर खरे नहीं उतर पा रहे थे.
WHO ने भारत के संदर्भ में भी बयान दिया है. कहा गया है कि कुछ देश जिसमें भारत भी शामिल है वहां प्रदूषण के लिए तय नेशनल स्टैंडर्ड 2005 के मानकों से भी नीचे हैं. अब नई गाइडलाइंस की वजह से तो पूरा भारत की प्रदूषित जगह की कैटेगिरी में आ गया है.
6 पॉल्यूटेंट्स को लेकर गाइडलाइंस जारी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने वायु प्रदूषण करने वाले 6 पॉल्यूटेंट को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं. इसमें कण पदार्थ (पीएम), ओजोन (ओ), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ) सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ) और कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) शामिल हैं.
जैसे अब PM2.5 का स्तर 5 माइक्रोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए. पहले की लिमिट 10 थी. लेकिन सिर्फ दिल्ली की बात कर लें तो यह सेफ वाले स्तर से 17 गुना ज्यादा है.
बता दें कि शिकागों की एयर क्वॉलिटी लाइफ इंडेक्स (AQLI) रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सबसे ज्यादा प्रदूषित देशों की लिस्ट में शामिल है, जहां लोगों की औसत आयु भी इस वजह से कम हो रही है.