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अग्निपथ योजना पसंद नहीं तो सशस्त्र बलों में न हों शामिल, कोई जबरदस्ती नहीं: वीके सिंह 

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि देश की पुरानी पार्टी मोदी सरकार के सबसे अच्छे काम में भी दोष ढूंढ रही है क्योंकि वह ईडी द्वारा राहुल गांधी की पूछताछ से परेशान है.

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जनरल वीके सिंह (फाइल फोटो)
जनरल वीके सिंह (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अग्निपथ योजना का विरोध करने वालों को जवाब
  • वीके सिंह ने कहा- भर्ती के लिए कोई जबरदस्ती नहीं

अग्निपथ योजना को लेकर हुई हिंसा के बीच केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने रविवार को प्रदर्शनकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उन्हें सशस्त्र बलों में भर्ती की नई नीति पसंद नहीं है तो उन्हें इसका विकल्प नहीं चुनना चाहिए. 

महाराष्ट्र के नागपुर शहर में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वीके सिंह ने कहा कि भारतीय सेना में उम्मीदवार अपनी मर्जी से शामिल हो सकते हैं, इसके लिए कोई मजबूरी नहीं है. वीके सिंह ने कहा कि अगर कोई उम्मीदवार सेना में भर्ती होना चाहता है तो वह अपनी इच्छा के अनुसार शामिल हो सकता है. हम सैनिकों की भर्ती नहीं करते हैं. लेकिन अगर आपको यह भर्ती योजना पसंद नहीं है तो शामिल होने के लिए मत आओ. आपको आने के लिए कौन कह रहा है? आप बसों और ट्रेनों को जला रहे हैं. आपसे किसने कहा कि आपको सशस्त्र बलों में भर्ती किया जाएगा. 

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि देश की पुरानी पार्टी मोदी सरकार के सबसे अच्छे काम में भी दोष ढूंढ रही है क्योंकि वह ईडी द्वारा राहुल गांधी की पूछताछ से परेशान है. उन्होंने कहा कि विपक्ष खासकर कांग्रेस युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. विपक्ष के पास एक ही काम बचा हुआ है कि वह किसी भी सरकारी योजना की आलोचना करे और उसे रोके. 

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क्या है अग्निपथ स्कीम? 

भारतीय सेना ने 14 जून को पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी. इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे.

-ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी.
-इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी.
-30-40 हजार मासिक वेतन के साथ अन्य लाभ भी दिए जाएंगे.
-पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा.
-चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी.
-सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा.
 

 

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