भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. इस बीच भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में फिदायीन हमलों की आशंका के मद्देनज़र हाई अलर्ट जारी किया है. यह अलर्ट पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर भारतीय बलों की 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई एयर-स्ट्राइक के बाद जारी किया गया है, जिसमें जैश प्रमुख मसूद अजहर के भाई रऊफ अहमद असगर समेत कई आतंकियों को मार गिराया गया.
जैश और लश्कर के हमले की आशंका
इंटेलिजेंस इनपुट्स के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के फिदायीन दस्ते सुरक्षा बलों को निशाना बना सकते हैं. आतंकवादी संगठनों की योजना जम्मू-कश्मीर और पंजाब के संवेदनशील क्षेत्रों में आत्मघाती हमलों की हो सकती है. मंदिरों और नदी किनारे की महत्वपूर्ण संरचनाओं पर भी हमले की आशंका जताई गई है.
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की जवाबी कार्रवाई
बता दें कि भारतीय सुरक्षा बलों ने 7-8 मई की रात को पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित ‘मरकज़ सुब्हान अल्लाह’ पर हमला किया था. यह ठिकाना जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख अड्डा था. इस हमले में न केवल रऊफ अहमद असगर मारा गया, जो पठानकोट एयरबेस हमले का मुख्य साजिशकर्ता था, बल्कि जैश प्रमुख के परिवार के कई सदस्य भी मारे गए. इस कार्रवाई को भारत ने जैश और लश्कर द्वारा हाल ही में की गई गतिविधियों के जवाब में ‘प्री-एंप्टिव स्ट्राइक’ बताया है.
जैश और पाकिस्तानी सेना की गुप्त बैठक
सूत्रों का कहना है कि हाल ही में जैश कमांडरों और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें संभावित जवाबी कार्रवाई की रणनीति पर चर्चा हुई. हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने फिलहाल कोई बड़ा हमला करने से मना किया है, क्योंकि वे भारत के साथ तनाव को और अधिक न बढ़ाने की नीति पर चल रहे हैं.
वहीं इसको देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है और संवेदनशील स्थानों पर नजरदारी कड़ी कर दी गई है. सेना, CRPF और पुलिस बलों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. पंजाब और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा प्रतिष्ठानों, धार्मिक स्थलों और पानी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की निगरानी बढ़ा दी गई है.