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गर्मियों में टायरों का कैसे रखें ध्यान, गलत एयर प्रेशर हो सकता है जानलेवा!

वाहनों में टायर की हवा को लेकर सचेत रहना बहुत जरूरी है. किसी भी वाहन में एयर डिसबैलेंस के कारण गाड़ी बिगड़ सकती है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गर्मियों में टायरों की हवा पर दें ध्यान
  • टायरों का एयर प्रेशर जरूर चेक करें

गर्मियों में गाड़ी के टायरों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. बढ़ते तापमान में यदि आपने अपनी गाड़ी के टायरों का ध्यान नहीं रखा तो यह आपके लिए बड़ी मुसीबत बनकर सामने आ सकते हैं. अभी हाल ही में रायपुर में भी एक ऐसा हादसा हुआ, जहां जेसीबी के पहिये में हवा भरने के दौरान टायर फट गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा झारखंड के देवघर में स्कॉर्पियों का टायर फटने से बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. इसीलिए अपने वाहन के टायर एयर प्रेशर को लेकर लापरवाही जरा भी ना बरतें नहीं तो आप भी मुसीबत में पड़ सकते हैं.
चाहे वह टू व्हीलर हो या फोर व्हीलर, गाड़ी में सही मात्रा में एयर प्रेशर होना बहुत जरूरी है. खासतौर से बढ़ते तापमान में यदि टायर में हवा कम रही तो पंचर होने का डर रहता है और ज्यादा हवा होने से टायर फटने का डर रहता है. तो आज हम आपको बताने वाले हैं कि किस तरह से आप इस भीषण गर्मी में सचेत रहें और सुरक्षित रहे. 

गर्मियों में कितनी रखें टायर की हवा? 

ऑटो मोबाइल एक्सपर्ट तूतू धवन बताते हैं कि वाहनों में टायर की हवा को लेकर सचेत रहना बहुत जरूरी है. किसी भी वाहन में एयर डिसबैलेंस के कारण गाड़ी बिगड़ सकती है. वैसे तो हर गाड़ी का एयर प्रेशर अलग-अलग होता है लेकिन यदि हम टू व्हीलर की बात करें तो पीछे वाले टायर में 20 से 22 पीएसआई होना चाहिए और आगे वाले टायर में 18 से 20 पीएसआई होनी चाहिए. अगर हम फोर व्हीलर्स की बात करें तो फोर व्हीलर्स में 28 से 30 पीएसआई होना जरूरी है. 

क्यों फटते हैं गर्मियों में टायर? 

आमतौर पर हम लोग टू व्हीलर्स में 30-35 पीएसआई भरवाते हैं लेकिन गर्मी के मौसम में सड़क वैसे भी बहुत ही हीट अप हो जाती है, ऐसे में जब इतनी गरम सड़क पर टायर का घर्षण होता है तब वह और भी ज्यादा तेजी से गर्म होने लगता है. इससे टायर के अंदर का एयर प्रेशर बढ़ने लगता है और यही कारण है कि टायर कई बार फट भी जाते हैं. बहुत गर्मी हो जाती है. ऐसे में अचानक टायर फटने से बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है. गर्म टायर में पंचर होने के चांस भी बढ़ जाते हैं.
यदि गाड़ी के टायर बहुत पुराने हो चुके हैं और घिस चुके हैं तो भी टायर खराब होने या पंचर होने का डर रहता है. ऐसी स्थिति में बेहतर यही रहेगा कि आप नया टायर लगवाएं क्योंकि ऐसे टायर बार-बार पंचर होते रहेंगे और आप केवल 100 या 200 किलोमीटर तक ही गाड़ी को चला पाएंगे. 

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एयर प्रेशर जरूर चेक करें 

यदि आप लंबे सफर पर निकल रहे हैं तो एयर प्रेशर जरूर चेक करें और कार में स्टैपनी जरूर रखें. कार में मैन्युली हवा भरने वाली मशीन भी जरुर साथ रखें, इससे कहीं बाहर जाते वक्त आपको दिक्कत नहीं होगी. देखा जाए तो कई लोग नाइट्रोजन से भरे टायरों का भी उपयोग कर रहे हैं. इसके पीछे का कारण यह है कि नाइट्रोजन एक मॉइश्चर फ्री गैस रहता है. यानी कि इसमें किसी भी तरह की कोई नमी नहीं होती. इसलिए यह इस्तेमाल करने के लिए आज से सुरक्षित तो है ही और साथ ही साथ इस के फटने के चांसेस न के बराबर हैं. साथ ही नाइट्रोजन दबाव से भी नहीं पड़ता है और इसकी लाइफ भी long-term होती है. 

धीमी गति से रिसती है नाइट्रोजन 

नाइट्रोजन बाकी हवा की तुलना में 40% धीमी गति से रिसती है जिसके कारण टायर स्थिर हो जाता है और इसीलिए इससे बेहतर कंट्रोल भी बना रहता है और यह गाड़ी के माइलेज को भी बढ़ाता है. ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट धवन बताते हैं कि गाड़ियों के टायर में नाइट्रोजन गैस भरवाने से कोई नुकसान नहीं होता. आप चाहें तो आसानी से इसे अपने टायर में भरवा सकते हैं.

 

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