सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों (Stray Dogs) से जुड़े मामले को नई गठित तीन जजों की स्पेशल बेंच को भेज दिया है. नई बेंच इस मामले की आज सुनवाई करेगी. जानकारी के मुताबिक जिन जजों ने आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी कराने और इन्हें स्थाई तौर पर शेल्टर होम में रखने का आदेश पारित किया था, वे इस सुनवाई का हिस्सा नहीं होंगे.
पहले ये मामला एक अन्य बेंच देख रही थी, लेकिन अब इसे जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की विशेष पीठ सुनेगी. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन जजों ने पहले आदेश पारित किया था, वे इस पीठ का हिस्सा नहीं होंगे.
स्पेशल बेंच आवारा कुत्तों के मुद्दे से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगी, जिनमें आवारा कुत्तों को पकड़ने के खिलाफ नई याचिकाएं भी शामिल हैं. आज इस पीठ के समक्ष कुल 4 मामले लिस्टेड हैं. इनमें स्वतः संज्ञान मामला, 2024 में दाखिल एक याचिका और बुधवार को उल्लेखित एक अन्य जनहित याचिका भी शामिल है.
कोर्ट ने क्या-क्या कहा था?
आवारा कुत्तों से जुड़े मामले में मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वत:संज्ञान लेते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला की अगुआई वाली बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि निम्न आदेशों को ईमानदारी से लागू किया जाए.
1. दिल्ली के सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को उठाना और घेरना शुरू करें. गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम के साथ-साथ NCR क्षेत्र के अन्य बाहरी इलाके के आवारा कुत्तों को निर्दिष्ट आश्रयों में ले जाकर रखा जाए.
2. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के संबंधित प्राधिकरणों को तुरंत कुत्ता आश्रय स्थल बनाने के निर्देश दिए गए हैं. इन क्षेत्रों का स्थानीय प्रशासन ऐसे निर्माण कार्य की रिपोर्ट अदालत को सौंपेगा. इसके अलावा पूरे NCR में बुनियादी ढांचे की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट 8 हफ्ते के भीतर न्यायालय में प्रस्तुत की जाए.
3. किसी भी परिस्थिति में इन आवारा और लावारिस कुत्तों को उनके स्थानांतरण के बाद सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा. इस संबंध में उचित रिकॉर्ड संबंधित प्राधिकारियों द्वारा नियमित रूप से मेंटेन किया जाना जाए.
4. आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी की जाए. उन्हें कृमिनाशक और वायरस प्रतिकूल बनाया जाए. वैक्सीन के साथ उनका प्रतिरक्षण किया जाए. इसके लिए समुचित कर्मचारियों का इंतजाम किया जाए.एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट 2023 के तहत जारी निर्देशों के मुताबिक कुत्तों को वापस नहीं छोड़ा जाएगा.
5. कोर्ट ने साफ किया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने की प्रक्रिया के साथ-साथ आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण, उनका स्थानांतरण, नसबंदी, कृमिनाशन और टीकाकरण एक साथ किया जाएगा. अदालत ने चेतावनी दी कि इन आदेशों और निर्देशों के पालन में किसी भी तरह का बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा.
6 से 8 हफ्तों में शेल्टर तैयार करने का आदेश
कोर्ट ने शुरुआती चरण में 5000 कुत्तों के लिए 6 से 8 हफ्तों में शेल्टर तैयार करने का आदेश दिया और इसे प्रगतिशील प्रक्रिया बताते हुए समय के साथ क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया.