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बेरोजगारी के खिलाफ RSS का प्रस्ताव, आत्मनिर्भर भारत के लिए काम के मौके बढ़ाने की बात

अहमदाबाद में तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का आयोजन किया गया. इसमें देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम के अवसरों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव पास किया गया. संघ ने कहा, हमें भारतीय आर्थिक मॉडल को महत्व देना चाहिए, जो मानव केंद्रित और पर्यावरण के अनुकूल हो.

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बेरोजगारी के खिलाफ RSS ने पास किया प्रस्ताव (फाइल फोटो)
बेरोजगारी के खिलाफ RSS ने पास किया प्रस्ताव (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अहमदाबाद में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का आयोजन
  • संघ ने बेरोजगारी के खिलाफ पास किया प्रस्ताव

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने देश में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है. गुजरात में चल रही संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम के अवसरों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव पास किया गया. 

अपने प्रस्ताव में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने कहा, संघ इस बात पर जोर देना चाहता है कि बेरोजगारी की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरे समाज को काम के अवसरों का इस्तेमाल करने में अहम भूमिका निभानी होगी. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने कहा, हमने यह अनुभव किया है कि कोरोना महामारी का बेरोजगारी और जीविका पर असर पड़ा है. हमने यह भी देखा है कि इस दौरान कुछ अवसर भी पैदा हुए, जिसका समाज के कुछ वर्गों ने लाभ भी उठाया है. 

हमें भारतीय आर्थिक मॉडल को महत्व देना चाहिए- संघ

संघ ने कहा, हमें भारतीय आर्थिक मॉडल को महत्व देना चाहिए, जो मानव केंद्रित और पर्यावरण के अनुकूल हो. साथ ही विकेंद्रीकरण और लाभ का सही वितरण करने वाला हो. संघ ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि ग्रामीण रोजगार, असंगठित क्षेत्र और महिलाओं के रोजगार और अर्थव्यवस्था में उनकी सहभागिता जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देना चाहिए. इसके साथ ही सामाजिक परिस्थिति के मुताबिक, नई नई तकनीक और स्किल्स को भी स्वीकारना जरूरी है. 

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प्रतिनिधि सभा ने नागरिकों से भारतीय आर्थिक मॉडल पर काम करने पर जोर दिया है. ताकि रोजगार पैदा करके अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके और टिकाऊ और समग्र विकास को पाया जा सके. 
 
अहमदाबाद में तीन दिन के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का आयोजन किया गया. इसमें पास हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि ग्रामीण रोजगार, असंगठित क्षेत्र के रोजगार, महिलाओं को रोजगार और अर्थव्यवस्था में उनकी समग्र भागीदारी जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने की जरूरत है. 

 

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