वाराणसी की जिला कोर्ट से हिंदू पक्ष को बड़ी जीत मिली. अदालत ने ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दे दिया है. कोर्ट ने जिला प्रशासन को बैरिकेडिंग में 7 दिन के अंदर व्यवस्था कराने का आदेश दिया. हालांकि, प्रशासन ने बुधवार देर रात को ही कोर्ट के आदेश का पालन कराया और ज्ञानवापी परिसर में लगाई गई बैरिकेडिंग को हटा दिया. बता दें कि ये तहखाना मस्जिद के नीचे है. काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से यहां पूजा-अर्चना करवाई जाएगी. बता दें कि नवंबर 1993 तक यहां पूजा-पाठ किया जाता था.
बुधवार को वाराणसी की जिला कोर्ट का आदेश आने के बाद व्यास तहखाना में पूजा कराने और बैरिकेडिंग हटाने के लिए आधी रात में पुलिस प्रशासन पहुंचा और बैरिकेडिंग को हटा दिया गया. जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया कोर्ट के आदेश का कंप्लायंस (अनुपालन) करा दिया गया है.
इससे पहले कोर्ट के आदेश का अनुपाल करने पहुंचे जिलाधिकारी ने एक हाई लेवल मीटिंग की थी. बैठक में जिलाधिकारी, DIG और विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के इर्दगिर्द पुलिस की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई थी.
मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?
वहीं, मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि यह फैसला गलत है. पूर्व के आदेशों को ओवरलुक करते हुए यह आदेश दिया गया है. हम लोग इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे.
इस केस में हिंदू पक्ष का दावा है कि नवंबर 1993 से पहले व्यास तहखाने में पूजा-पाठ को उस वक़्त की प्रदेश सरकार ने रुकवा दिया था. जिसको शुरू करने का पुनः अधिकार दिया जाए.
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को अस्वीकार करते हुए हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा-पाठ करने का अधिकार दे दिया है.
मालूम हो कि 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश से अपने नियंत्रण में ले लिया था. ASI सर्वे के दौरान तहखाने की साफ-सफाई हुई थी. अब जिला जज ने अपने आदेश में कहा है कि विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों से पूजा कराई जाए. बैरिकेडिंग हटाने की व्यवस्था की जाए. ये सब 7 दिन के अंदर किया जाए.