संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी अपने पालतू कुत्ते को गाड़ी में लेकर संसद भवन पहुंचीं थी, जिससे उठे विवाद ने तूल पकड़ लिया है. बीजेपी ने उनके खिलाफ एक्शन लेने की मांग की थी.
क्या बोली थीं रेणुका चौधरी?
आजतक से रेणुका चौधरी ने कहा था, 'इसमें क्या तकलीफ है? गूंगा जानवर अंदर आ गया तो क्या तकलीफ है, इतना छोटा सा तो है. यह काटने वाला नहीं है, काटने वाले तो और हैं पार्लियामेंट के अंदर.' इस मामले पर भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी और रेणुका चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. पाल ने कहा कि अगर सांसद को कुछ विशेषाधिकार मिलता है, तो उसका दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, "यह सदन देश की नीतियों पर चर्चा करने की जगह है... वहां पर अपने डॉग को लेकर आए और उस पर जिस तरह का बयान दे रहे हैं, देश को शर्मसार कर रहे हैं... उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए." उन्होंने इसे लोकतंत्र पर कुठाराघात और संसद का अपमान बताया.
'रास्ते में बचाया था'
सामने आया है कि राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी शीतकालीन सत्र के पहले दिन जिस Pet के साथ संसद भवन पहुंचीं थीं उसे उन्होंने रास्ते में बचाया था. यही मुद्दा विवाद का कारण बन गया और भाजपा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई.
क्या कहा रेणुका चौधरी ने?
रेणुका चौधरी ने बताया कि रास्ते में एक स्कूटर और कार की टक्कर के बाद एक छोटा पिल्ला सड़क पर डरा हुआ घूम रहा था. उन्हें लगा कि गाड़ी से उसे चोट लग सकती है, इसलिए वह उसे अपनी कार में बैठाकर संसद तक ले आईं और बाद में घर भिजवा दिया. भाजपा द्वारा सुरक्षा के उल्लंघन का मुद्दा उठाने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा: “इस चर्चा का क्या मतलब है? असली काटने वाले तो संसद में बैठे हैं… हम एक मूक जीव की मदद करते हैं तो यह बड़ा मुद्दा बन जाता है.”
भाजपा ने क्यों की आलोचना?
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इसे “तमाशा” करार देते हुए कहा कि बिना उचित दस्तावेज किसी भी व्यक्ति या जीव को संसद परिसर में लाना गलत है. उन्होंने इसे संसद के नियमों और गरिमा का उल्लंघन बताया और कार्रवाई की मांग की.
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी आरोप लगाया कि रेणुका चौधरी ने अपने बयान से सांसदों और कर्मचारियों का अपमान किया है. उनका कहना है कि कांग्रेस संसद में “नाटक” करने के नए तरीके ढूंढ रही है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
क्या कहते हैं संसद के नियम?
संसद भवन उच्च सुरक्षा क्षेत्र है. लोकसभा हैंडबुक के अनुसार —
• सूत्रों के मुताबिक ऐसी वस्तु या जीव जिसे सुरक्षा जोखिम माना जाए, उसे परिसर में लाने की इजाज़त नहीं.
• यह IPC के तहत अपराध नहीं माना जाता, लेकिन संसदीय आचार संहिता और सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन जरूर माना जाता है.
• आर्म्स और हथियार लाना अपराध है.
क्या कार्रवाई हो सकती है?
संसदीय सचिवालय या संसद सुरक्षा शाखा इस मामले पर:
• चेतावनी जारी कर सकती है
• इसे आधिकारिक उल्लंघन के रूप में दर्ज कर सकती है
• विशेषाधिकार उल्लंघन पर विचार हो सकता है.