उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने रविवार (31 जनवरी) को संसद के बजट सत्र के मद्देनजर सभी प्रमुख राजनीति दलों के नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में सदन का कामकाज सुचारु रूप से संचालित करने के लिए उन्होंने और राजनीति दलों से सहयोग की अपील की.
वेंकैया नायडू द्वारा बुलाई गई बैठक में आधा दर्जन मंत्रियों और विभिन्न दलों के 25 नेताओं ने भाग लिया. इन नेताओं ने आश्वासन दिया कि सदन में सभी बहसों और चर्चाओं में पूरी भागीदारी होगी. सभी नेताओं ने सदन संचालन में सहयोग का आश्वासन दिया. बैठक में तय हुआ कि बजट सत्र के पहले चरण में राज्यसभा की अंतिम बैठक 13 फरवरी को होगी, पहले यह 15 फरवरी को तय थी.
राष्ट्रपति और आम बजट के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए अधिक समय मांगने वाले नेताओं की मांग पर नायडू ने संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी से टाइम टेबल को फिर से बनाने के लिए कहा. नायडू ने कहा कि चर्चा के लिए सदस्यों को पर्याप्त समय दिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रियों को विधेयकों पर बोलने और बहस के अंत में जवाब देने के दौरान संक्षिप्त बोलने की कला सीखनी चाहिए, ताकि अन्य सदस्यों को बोलने का अधिक समय मिल सके.
नायडू की राजनीति दलों के नेताओं के साथ बैठक में सदन में छोटे दलों और समूहों के सदस्यों के लिए पर्याप्त समय के आवंटन पर भी चर्चा की गई, जिस पर सभापति नायडू ने कहा कि ऐसे दलों और समूहों के सदस्यों को उचित समय देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप पहले के मुकाबले की अब अधिक समय दिया जा रहा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि हर पार्टियों के सदस्यों का हर मुद्दे पर बोलना संभव नहीं है.
आपको बता दें कि इस बैठक में सदन के नेता थावर चंद गहलोत, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के अलावा आनंद शर्मा, भूपेन्द्र यादव, जयराम रमेश, एचडी देवगौड़ा आदि लोग शामिल रहे.