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कॉलेज के बाद फूड स्टॉल...जानें कैसे आत्मनिर्भर होकर दूसरों को प्रेरित कर रहीं ये तीन लड़कियां

Inspiring Girl Students: कॉलेज के बाद खुद का फूड स्टॉल लगाकर आत्मनिर्भर बन ओडिशा की ये तीन लड़कियां दूसरों के लिए मिसाल बन रही हैं. इन लड़कियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए इनके फूड स्टॉल पर काफी भीड़ भी हो रही है. आइए जानते हैं कौन हैं ये तीन लड़कियां जो पढ़ाई के साथ-साथ पैसे भी कमा रही हैं, और आत्मनिर्भर होने की मिसाल भी पेश कर रही हैं.

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कॉलेज के बाद फास्ट-फूड लगाती हैं ये लड़कियां
कॉलेज के बाद फास्ट-फूड लगाती हैं ये लड़कियां

‘लोग क्या कहेंगे’ की मानसिकता को दरकिनार कर तीन लड़कियां पढ़ाई के साथ फास्ट-फूड स्टॉल लगाकर आज आत्मनिर्भर बन चुकी हैं. ये सभी लड़कियां मेधावी छात्र हैं, और अपने दैनिक खर्च के लिए प्रतिदिन कॉलेज की समाप्ती के बाद शहर में शाम में सड़क किनारे फूड स्टॉल लगाती हैं. यह कहानी ओडिशा के मयूरभंज जिले के बारीपदा शहर की है, जहां इनकी आत्मनिर्भरता अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक बन चुकी है. लड़कियों का यह प्रयास शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है. 

जिले में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के साथ अपने दैनिक खर्च को वहन करने के लिए बारीपदा के तीन विभिन्न कॉलेजों की लड़कियों ने आत्मनिर्भर होने का संकल्प लिया जिसके बाद शहर में योजनाबद्ध तरीके से कॉलेज की समाप्ती के बाद शाम में सड़क किनारे बड़ी छतरी डाल एक फास्ट-फूड स्टॉल लगाया. लड़कियों के इस आत्मनिर्भर प्रयास को शहरवासियों ने सराहा और अन्य लोगों के लिए इसे मिसाल बताया. साथ ही लड़कियों के मनोबल को बढ़ावा देने के लिए बड़ी संख्या में लोग फूड स्टॉल पर खाने में दिलचस्पी दिखाते हैं. 

जानकारी के मुताबिक, शहर में तीन लड़कियों की एक टीम ने लोगों की मानसिकता बदल दी है. बारीपदा में डिप्लोमा के साथ एमबीए करने वाली विष्णुप्रिया से प्रेरित होकर अन्य दो लड़कियां सीमा मोहंती और सुभशरी मोहंती ने आत्मनिर्भर बनने का निश्चय किया. सीमा बारीपदा महिला विश्वविद्यालय में आर्ट्स विषय से स्नातक की पढ़ाई पूरी कर रही हैं. वहीं सुभशरी बारीपदा एमपीसी (MPC) कॉलेज में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. सीमा और सुभशरी दोनों कॉलेज की मेधावी छात्रा हैं और कभी क्लास मिस नहीं करती हैं. 

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फूड स्टॉल लगाकर बन रहीं आत्मनिर्भर
फूड स्टॉल लगाकर आत्मनिर्भर बन रहीं ये लड़कियां

आजतक से बातचीत में सीमा ने बताया कि पढ़ाई के लिए कुछ पैसों की जरुरत होती थी. कॉपी-किताबों और फीस के लिए घर से बार-बार पैसा मांगना अच्छा नहीं लगता था, हमें किसी और के लिए काम करना पसंद नहीं था जिसके कारण हम तीन लड़कियों ने योजनाबद्ध तरीके से एक टीम बनाई है और कॉलेज की समाप्ती के बाद शाम में सड़क किनारे फास्ट-फूड स्टॉल लगाने का निर्णय लिया. किसी भी व्यवसाय के लिए एक छोटी सी शुरुआत जरुरी होती है. हमें उम्मीद थी कि हमारा व्यवसाय अच्छा होगा. इन दिनों हम किसी पर भी निर्भर नहीं है हम आत्मनिर्भर हैं. 

वहीं, सुभषरी ने बताया कि शुरुआती दौर में फूड स्टॉल पर किसी को नाश्ता देने में दिक्कत होती था लेकिन कुछ दिनों के बाद सब कुछ सामान्य हो गया. शाम के समय में हमारे स्टॉल पर काफी भीड़ होती है और हम सम्मान के साथ अपना काम करते हैं. 

दूसरी और विष्णुप्रिया ने बताया कि हर एक इंसान को सकारात्मक सोचना चाहिए. कोई भी काम छोटा या खराब नहीं होता है. हर काम आपकी सोच पर निर्भर करता है. लोगों की सोच को आप नहीं रोक सकते हैं. आपको खुद से आगे बढ़ना होगा क्योंकि बुरे समय में आपके साथ कोई नहीं खड़ा होगा. मैं एक लड़की हूं और मेरा मानना है कि हर किसी को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है. 

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फूड स्टॉल पर खाती एक महिला स्वाती मोहंती ने कहा कि इन दिनों हमारी बच्चियों को आत्मनिर्भर होने की जरुरत है. इन तीन लड़कियों द्वारा संचालित फूड स्टॉल समाज मे स्वागत योग्य और सराहनीय है. इन सभी लड़कियों में खास बात यह है कि इन्होंने पढ़ाई के साथ अपने आप को आत्मनिर्भर बनाया है. हमारे समाज में ये लड़कियां अन्य लड़कियों के लिए मिसाल हैं. 

 

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