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नई चौकियां, कैंप, टनल और जवान... चीन बॉर्डर को लेकर मोदी का मेगा प्लान

मोदी कैबिनेट ने आईटीबीपी की 7 नई बटालियन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा 47 नई सीमा चौकियों और एक दर्जन 'स्टेजिंग कैंप' या सैनिक बेस का निर्माण किया जाएगा. नई बटालियन में 9,400 नए पदों पर जवानों की भर्तियां की जाएंगी. इसके अलावा कैबिनेट ने 4.1 किलोमीटर लंबी सिंकुला टनल के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है.

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फाइल फोटो (पीटीआई)
फाइल फोटो (पीटीआई)

चीन बॉर्डर पर देश की रक्षा को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मोदी कैबिनेट ने इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) 7 नई बटालियन के गठन का फैसला किया है. इतना ही नहीं कैबिनेट ने 4.1 किलोमीटर लंबी सिंकुला टनल के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है. इस टनल से लद्दाख में ऑल वेदर कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी. 
 
केंद्र ने ये फैसला ऐसे वक्त पर लिया, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में मई 2020 में हिंसक झड़प हुई थी. इसके बाद से भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा है. इतना ही नहीं पिछले साल दिसंबर में भी अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन की सेना आमने सामने आ गई थीं. 

47 नई चौकियों के निर्माण को भी मंजूरी

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS)ने आईटीबीपी के लिए नए ऑपरेशनल बेस को भी मंजूरी दे दी है. इसके साथ 7 नई बटालियन में 9,400 नए पदों पर जवानों की भर्तियां की जाएंगी. आईटीबीपी लद्दाख में काराकोरम से अरुणाचल में जचेप ला तक 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की रखवाली करती है. इसके साथ ही 47 नई सीमा चौकियों के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है.

बताया जा रहा है कि आईटीबीपी की नई बटालियन और सेक्टर हेडक्वार्टर 2025-26 में बनकर तैयार हो जाएगा. पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने सिंकुला टनल के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है. यह टनल नीमू पदम दर्चा रोड लिंक पर बनेगी. इसके बनने से लद्दाख के बॉर्डर इलाकों तक ऑल वेदर कनेक्टिविटी हो जाएगी. 

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देश की सुरक्षा के लिए काफी अहम होगी टनल
 
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिसंबर 2025 तक ये टनल बन जाएगी. इसकी लागत 1,681 करोड़ रुपए आएगी. उन्होंने बताया कि यह टनल देश की सिक्योरिटी और सेफ्टी के लिए काफी अहम है. इससे हमारे सुरक्षा बलों की आवाजाही में भी मदद मिलेगी. 
 
सूत्रों का दावा है कि टनल सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक अहम कदम है. दरअसल, लद्दाख में निमू करगिल के साथ-साथ लेह के करीब है और अगर कोई तनावपूर्ण स्थिति होती है तो इस क्षेत्र में बलों और उपकरणों की तुरंत तैनाती में सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी. 

1962 में हुआ था ITBP का गठन 

1962 में चीन के भारत पर हमले के बाद ITBP का गठन किया गया था. अभी इसमें 90,000 जवान और अफसर हैं. कैबिनेट ने 47 नई सीमा चौकियों और एक दर्जन 'स्टेजिंग कैंप' या सैनिक बेस बनाए जाने को मंजूरी दे दी है. इनमें से ज्यादातर कैंप अरुणाचल प्रदेश में सीमा के पास बनाए जाएंगे. अनुराग ठाकुर के मुताबिक, भूमि अधिग्रहण, कार्यालय और आवासीय भवनों के निर्माण और हथियारों और गोला-बारूद पर 1,808.15 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इतना ही नहीं नई बटालियन बनाने पर उनकी सैलरी, राशन समेत अन्य में कुल  963.68 करोड़ रुपये सालाना खर्च होने का अनुमान है. 

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26% बढ़ जाएंगी बॉर्डर पोस्ट

अधिकारियों के मुताबिक, 47 नई बॉर्डर पोस्ट बनने के बाद कुल पोस्ट में 26% का इजाफा हो जाएगा. अभी एलएसी पर 176 बॉर्डर पोस्ट हैं. इसके अलावा आईटीबीपी में 9400 नए पदों पर भर्ती के बाद जवानों की संख्या 10% बढ़ जाएगी. 

 

 

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