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सरकार ने मानी विपक्ष की मांग, चुनाव सुधार पर मंगलवार को चर्चा, वन्दे मातरम् पर चर्चा का दिन भी हुआ तय

लोकसभा का दो दिवसीय एजेंडा तय हो गया है. सोमवार को सदन में वंदे मातरम् पर विशेष चर्चा होगी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे. इसके अगले दिन मंगलवार को चुनाव सुधारों पर विस्तृत चर्चा रखी गई है.

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लोकसभा में सोमवार वंदे मातरम् और मंगलवार को SIR पर बड़ी बहस की तैयारी  (Photo: PTI)
लोकसभा में सोमवार वंदे मातरम् और मंगलवार को SIR पर बड़ी बहस की तैयारी (Photo: PTI)

संसद के शीतकालीन सत्र में अगले सप्ताह दो अहम बहसें राजनीतिक माहौल का तापमान बढ़ाने वाली हैं. सोमवार को लोकसभा में देशभक्ति गीत वंदे मातरम पर विशेष चर्चा रखी गई है. इस बहस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हिस्सा लेंगे, जिससे साफ है कि सदन में इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष अपनी-अपनी वैचारिक स्थिति मजबूती से रखने वाले हैं.

सोमवार के बाद मंगलवार का पूरा एजेंडा चुनाव सुधारों पर केंद्रित है. इसके लिए 10 घंटे का समय तय किया गया है. चर्चा के दौरान चुनाव आयोग की भूमिका, चुनावी खर्च की ट्रांसपेरेंसी, क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को रोकने जैसे मुद्दों के अलावा EVM की विश्वसनीयता और SIR प्रक्रिया पर भी दल अपनी बातें रख सकते हैं.

कांग्रेस नेता के सुरेश ने लोकसभा अध्यक्ष से बैठक के बाद कहा है कि वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर बहस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू करेंगे. 

सरकार का दावा है कि वह चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में गंभीर है, जबकि विपक्ष चुनावी निष्पक्षता और एक देश एक चुनाव जैसे प्रस्तावों पर अपनी आपत्तियां और सुझाव पेश करने की तैयारी में है.

शीतकालीन सत्र में भले कई विधेयक सूची में हों, लेकिन वंदे मातरम और चुनाव सुधार - ये दोनों बहसें ही राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बनने वाली हैं. सभी की निगाहें अब सोमवार और मंगलवार की चर्चाओं पर टिकी हैं, जो आगे चुनावी राजनीति की दिशा भी तय कर सकती हैं.

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यह भी पढ़ें: संसद में वंदे मातरम पर चर्चा का बंगाल कनेक्शन, बंकिम चंद्र से शुरू होती है राष्‍ट्रवाद की कहानी

वंदे मातरम् बहस में हिस्सा लेगी सपा, धर्मेंद्र यादव बोले - सरकार ने देर से दिखाई गंभीरता

समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने संसदीय गतिरोध खत्म होने पर सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि “जब सरकार अब चर्चा के लिए तैयार हो गई है, तो सदन का गतिरोध खत्म हो गया. लेकिन पिछले मानसून सत्र में यह कदम क्यों नहीं उठाया गया? तब भी सरकार ऐसा कर सकती थी.”

धर्मेंद्र यादव ने इलेक्शन कमीशन और बीजेपी से जुड़े मुद्दों पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि जब विपक्ष चुनाव आयोग पर सवाल उठाता है तो बीजेपी आक्रामक हो जाती है, और जब बीजेपी पर सवाल उठते हैं तो चुनाव आयोग सामने आ जाता है.

उन्होंने पूछा - “आख़िर यह रिश्ता क्या कहलाता है?”

सांसद ने बताया कि वंदे मातरम् पर होने वाली चर्चा में समाजवादी पार्टी भी हिस्सा लेगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद के नाम पर हो रही राजनीति और “खुद को राष्ट्रवादी कहलाने वालों” पर भी सदन में खुलकर बात की जाएगी.

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