केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में तैनात एक बीट फॉरेस्ट अफसर, अरुण पीआर, इंसानियत और संवेदनशीलता की मिसाल बन गए. वह पोन्मुडी इलाके के गोल्डन वैली चेक पोस्ट पर ड्यूटी पर थे, जब उन्होंने देखा कि एक छोटा बंदर बिजली के तार से करंट लगने के बाद जमीन पर गिर गया और बेहोश हो गया.
अरुण ने बिना समय गंवाए उस नन्हे बंदर को अपनी गोद में उठाया और तुरंत सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देना शुरू किया. दिल और फेफड़ों को दोबारा सक्रिय करने की इस प्रक्रिया ने कुछ ही मिनटों में असर दिखाया — बंदर के बच्चे ने धीरे-धीरे सांस लेना शुरू किया और होश में आ गया.
जब उसे जंगल में छोड़ा गया, तो वहां पहले से मौजूद मां बंदर दौड़कर आई, अपने बच्चे को कसकर गले लगाया और उसे गोद में लेकर पेड़ों की ओर चली गई. यह दृश्य वहां मौजूद लोगों की आंखें नम कर गया.
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सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. लोग अरुण की सूझबूझ और करुणा की तारीफ कर रहे हैं. यह घटना न सिर्फ एक जान बचाने की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि इंसान और जानवर के बीच करुणा की डोर कितनी मजबूत हो सकती है.