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कर्नाटकः छठवीं कक्षा की किताब से एक पैरा हटाने का निर्देश, शिक्षा मंत्री ने बताई ये वजह

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार ने छठी कक्षा की सोशल साइंस की एक किताब के एक चैप्टर के एक हिस्से को हटाने के निर्देश दिए हैं. इस चैप्टर के एक हिस्से को "ब्राह्मण" समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी मानते हुए उसे हटाने का निर्देश दिया गया है.

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कर्नाटक के शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार (फाइल फोटो-ANI)
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार (फाइल फोटो-ANI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ टिप्पणी का आरोप
  • शिक्षा आयुक्त को किताब से पैरा हटाने को निर्देश
  • मंत्री बोले- इतने छोटे बच्चों के लिए यह ठीक नहीं

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार ने छठी कक्षा की सोशल साइंस की एक किताब के एक चैप्टर के एक हिस्से को हटाने के निर्देश दिए हैं. इस चैप्टर के एक हिस्से को "ब्राह्मण" समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी मानते हुए उसे हटाने का निर्देश दिया गया है.

शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में गुरुवार को शिक्षा आयुक्त को निर्देश दिया कि वे कक्षा छह की सोशल साइंस की पाठ्य पुस्तक से वो पैरा हटाने के लिए कदम उठाएं, जिसे "ब्राह्मण" समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी माना जा रहा है. 

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार ने अपने पत्र में लिखा है, 'किताब में जो पैरा पेज संख्या 82 और 83 में दिख रहा है, वह अप्रासंगिक है और इतनी कम उम्र के बच्चों के लिए यह उपयुक्त नहीं है. शिक्षा आयुक्त को इस पैरा को तत्काल प्रभाव से पाठ्यक्रम से हटाने के लिए सर्कुलर जारी करने के लिए कदम उठाने चाहिए.' 

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किस चैप्टर पर लिखा पत्र 

मंत्री ने शिक्षा आयुक्त को लिखे पत्र में कक्षा छह की सामाजिक विज्ञान की किताब में 'इमर्जेंस ऑफ न्यू रिलिजन' का जिक्र किया है. इस चैप्टर में लिखा है कि ब्राह्मण भी पशुओं की बलि देते थे और अग्नि देवता को हवन के दौरान दूध और घी चढ़ाते थे, इसकी वजह से उस समय भोजन की कमी हो जाती थी.

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एक एजेंसी के मुताबिक शिक्षा मंत्री का कहना है कि ऐसी विसंगतियां जो पाठ्य पुस्तक में संक्षिप्त रूप से लिखी गई हैं, वो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं. उन्हें हटाने की जरूरत है.

असल में, कर्नाटक प्रदेश ब्राह्मण डेवेलपमेंट बोर्ड के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से इस मुलाकात कर किताब के उस पैरा को लेकर आपत्ति जाहिर की थी. इसके बाद यह शिक्षा मंत्री ने ये निर्देश दिए हैं.


 

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