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मनु, आदम और ओम्.. मदनी के बयान पर भड़के जैन मुनि, मंच से दी शास्त्रार्थ की खुली चुनौती

दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए जमीयत उलेमा ए हिंद के अधिवेशन के आखिरी दिन अरशद मदनी के बयान के बाद काफी बवाल हुआ. मदनी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि ने कहा कि मदनी साहब के वक्तव्य से हम सहमत नहीं हैं. साथ ही अरशद मदनी को उन्होंने मंच से शास्त्रार्थ की खुली चुनौती दी.

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लोकेश मुनि और अरशद मदनी
लोकेश मुनि और अरशद मदनी

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन के आखिरी दिन मौलाना अरशद मदनी के बयान पर जबर्दस्त बवाल हो गया. दारुल उलूम देवबंद के प्रमुख और जमीयत के धर्मगुरु मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि ओम और अल्लाह एक ही हैं. मदनी के इस बयान पर जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि भड़क उठे. उन्होंने कहा कि मैं अपनी आंखों के सामने अपने धर्म, संस्कृति का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता.

जैन धर्मगुरु ने कहा कि मदनी साहब के वक्तव्य से हम सहमत नहीं हैं. अगर जोड़ने की बात करनी तो करें, लेकिन जितनी भी कहानी उन्होंने सुनाई, उससे 4 गुना ज्यादा कहानी मैं सुना सकता हूं. इसके साथ ही जैन मुनि ने मंच से कहा कि मैं मदनी साहब को शास्त्रार्थ की चुनौती देता हूं. आप दिल्ली आइए या फिर आप मुझे सहारनपुर बुलाएंगे तो मैं वहां भी शास्त्रार्थ के लिए आउंगा.

जैन मुनि ने कहा कि मदनी साहब ने जो बात कही है, मैं उससे कतई सहमत नहीं हूं. सारे धर्म के कोई भी संत इससे सहमत नहीं है. हम सिर्फ इस बात पर सहमत हैं कि सभी लोग आपस में मिलजुकर रहें, मोहब्बत से रहें. लेकिन जो भी कहानी सुनाई गई. ये सब फालतू बातें हैं. इस बात ने सद्भावना के सम्मेलन में पलीता लगा दिया.

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वहीं, रामलीला मैदान पर हुए विवाद के बाद अरशद मदनी ने आजतक से कहा कि बहुत सी बातें हम ऐसी कहते हैं, जो दूसरे को अच्छी नहीं लगती हैं या वह लोग कोई बातें कहते हैं, जो हमें अच्छी नहीं लगतीं. ऐसे में हमें एक-दूसरे की बात सुननी चाहिए. मदनी ने कहा कि हम ओम को मानते हैं. अल्लाह को मानते हैं. मनु को मानते हैं, आदम को मानते हैं और अगर वह नहीं मानते, तो उनका मसला है.

अरशद मदनी ने कहा कि हमने उनके मजहब पर कोई टिप्पणी नहीं की. अगर कोई हमें गाली दे, तो हम जवाब नहीं देते हैं. वह अगर अल्लाह को नहीं मानते तो ना मानें, लेकिन हम मानते हैं. उन्होंने कहा कि मां-बाप ने पैदा किया है, लेकिन अल्लाह ने चाहा है तभी पैदा किया है. यह हमारा अकीदा है. दुनिया की ज्यादातर आबादी मानती है.

अरशद मदनी ने कहा कि हो सकता है कि उनकी आस्था पर चोट पहुंची हो, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि कोई इंसान अल्लाह या ओम को ना मानता हो. अगर उन्हें बात अच्छी नहीं लगी, तो उन्हें बैठना चाहिए था और कहते कि वह ओम या अल्लाह को नहीं मानते. इन सब बातों से हमारे रिश्ते खराब नहीं होने चाहिए. इसमें कोई नाराजगी की बात नहीं थी. जिन लोगों ने हमारी बातें पसंद की हैं, उनकी संख्या कहीं ज्यादा है. 

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मदनी ने कहा कि अगर आप हिंदू धर्म पढ़ेंगे, तो पता चलेगा कि ओम किसे कहते हैं. हम उसे अल्लाह कहते हैं. उसने मनु को जमीन पर उतारा था, जिसके बाद उनकी नस्ल चली जिसमें मुनि जी भी हैं.

(इनपुट- आशुतोष मिश्रा)

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