वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. जल्द ही PP-15 फ्रिक्शन पॉइंट के पास भी डिसइंगेजमेंट दिखने को मिल सकता है. भारत और चीन की सेनाएं पेट्रोलिंग पॉइंट-15 से पीछे हट सकती हैं. माना जा रहा है कि भारत-चीन कोर कमांडर लेवल की बातचीत आने वाले समय में पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से सैनिकों की वापसी के निर्णय पर पहुंच सकती है. यह संभावना है कि भारतीय सेना फ्रिक्शन पॉइंट से करम सिंह हिल की ओर अपनी पॉजिशन को ट्रांसफर कर सकती है, जबकि चीनी सेना उत्तर क्षेत्र की तरफ वापस जा सकती है.
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने आजतक को बताया कि इलाके की निगरानी के तौर-तरीकों को निकट भविष्य में अंतिम रूप दिया जाएगा, जो बफर जोन की तरह हो सकता है. बता दें कि मई 2020 के बाद से जब चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में LAC पर यथास्थिति को आक्रामक तौर पर बदलने की कोशिश की तो दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे और पेट्रोलिंग पॉइंट 15 के पास मुस्तैदी बढ़ा दी गई थी. ये जगह फ्रिक्शन पॉइंट के तौर पर उभरी है.
भारत फ्रिक्शन पॉइंट से सैनिकों को पूरी तरह से हटाने और पूरे सेक्टर में 18 मई, 2020 से पहले की पॉजिशन में सैनिकों को वापस ले जाने पर विचार कर रहा है. LAC पर सैनिकों के बीच आखिरी बार एक साल पहले टकराव हुआ था, जिसके कारण गोगरा में पेट्रोल पॉइंट 17 ए पर गतिरोध का सीमित समाधान निकाला गया था. भारत और चीन ने भी पैंगोंग त्सो के दोनों किनारों से सैनिकों को हटा दिया था. बताते चलें कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई ऐसे फ्रिक्शन पॉइंट हैं, जहां भारत और चीन की सेना आमने-सामने है.
मई 2020 में तनाव बढ़ने के बाद से दोनों देशों के लगभग 50 सैनिकों को फ्लैशपॉइंट के एक किलोमीटर के भीतर तैनात किया गया था. एक अधिकारी ने बताया कि 11 मार्च, 2022 को पिछली बैठक में हुई प्रगति के आधार पर दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ प्रासंगिक मुद्दों के समाधान के लिए सकरात्मक तरीके से चर्चा जारी रखी है.