हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े मूवी पाइरेसी नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये गिरोह देशभर में फिल्मों की अवैध कॉपी ऑनलाइन प्रसारित करने में शामिल था और कई तेलुगु फिल्मों को उनकी थिएटर रिलीज़ के दिन ही लीक कर कर देता था.
पुलिस ने कहा कि पाइरेसी से भारतीय फिल्म उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है. सिर्फ 2023 में ही थिएटर और ओटीटी प्लेटफॉर्म से पाइरेसी के कारण करीब 22400 करोड़ रुपये का नुकसान मनोरंजन क्षेत्र को हुआ.
मामला कैसे खुला?
तेलुगु फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स (TFCC) ने शिकायत दर्ज कराई थी कि '#सिंगल' (9 मई 2025 रिलीज़), 'हिट: द थर्ड केस' (1 मई 2025), और 'कुबेर' जैसी फिल्मों को पायरेटेड करके 1TamilBlasters, 5MoviezRulz और 1TamilMV जैसी वेबसाइटों पर अपलोड किया गया था. फोरेंसिक वॉटरमार्किंग से पता चला कि ये लीक थिएटर से हुई थीं. इसके बाद पुलिस ने आईटी एक्ट, बीएनएस, कॉपीराइट एक्ट और सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धाराओं में मामले दर्ज कर जांच शुरू की.
ये आरोपी हुए गिरफ्तार
इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
- अश्वनी कुमार (21), बिहार: गिरोह का कथित सरगना, डिजिटल मीडिया सर्वर हैक कर एचडी मूवी फाइल्स लीक करता था.
- सिरिल इन्फैंट राज अमलादोस (32), तमिलनाडु: पायरेसी वेबसाइट 1TamilBlasters का क्रिएटर है. वर्चुअल सर्वर चलाता था और पाइरेटेड फिल्मों से क्रिप्टो में 2 करोड़ रुपये से अधिक कमाए.
- जना किरण कुमार (29), तेलंगाना/आंध्र प्रदेश: हैदराबाद के सिनेमाघरों में iPhone से फिल्में रिकॉर्ड करता और पाइरेसी ग्रुप्स में शेयर करता था.
- सुधाकरन (31), तमिलनाडु: तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम की करीब 35 फिल्में रिकॉर्ड और अपलोड कीं.
- अर्सलान अहमद (23), बिहार/गोवा: साथियों के साथ थिएटर में फिल्म रिकॉर्ड कर ऑनलाइन क्रिप्टो पेमेंट के बदले साझा करता था.
ऐसे काम करता था गिरोह
सर्वर हैकिंग: डिजिटल मीडिया कंपनियों के सर्वर से एचडी कॉपी चुराई जाती थी.
कैमकॉर्डिंग: थिएटर में स्मार्टफोन और छिपे उपकरण से फिल्में रिकॉर्ड की जाती थीं.
डिस्ट्रिब्यूशन: पाइरेटेड फिल्में टॉरेंट साइट्स, टेलीग्राम ग्रुप्स और अवैध स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर अपलोड की जाती थीं.
फंडिंग: ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग ऑपरेटर इस नेटवर्क को फंड देते थे और भुगतान सिर्फ क्रिप्टो वॉलेट से होता था.
500 से ज्यादा फिल्में अपलोड कीं
पुलिस के मुताबिक सिरिल राज ने 2020 से अब तक 500 से ज्यादा फिल्में अपलोड कीं और सट्टेबाजी के विज्ञापन चलाकर क्रिप्टो में मोटी रकम कमाई. छापेमारी के दौरान पुलिस ने लैपटॉप, सीपीयू, मोबाइल, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और पाइरेसी में इस्तेमाल उपकरण जब्त किए. इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने 'समन्वय पोर्टल' के ज़रिए क्रिप्टो वॉलेट डिटेल्स साझा कर पुलिस को मनी ट्रेल तक पहुंचने में मदद की.
कितना गंभीर है अपराध?
साइबर क्राइम पुलिस ने कहा कि पाइरेसी कॉपीराइट एक्ट और सिनेमैटोग्राफ संशोधन एक्ट के तहत गंभीर अपराध है, जिसमें 3 साल तक की जेल और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. पुलिस ने कहा कि पाइरेटेड कंटेंट डाउनलोड करना खतरनाक है, क्योंकि इन फाइलों के जरिए अक्सर मालवेयर फैलाया जाता है, व्यक्तिगत डेटा चोरी होता है और ऑनलाइन धोखाधड़ी की जाती है.
क्या बोले पुलिस कमिश्नर
हैदराबाद पुलिस कमिश्नर सीवी आनंद ने कहा कि ये कार्रवाई न सिर्फ तेलुगु सिनेमा बल्कि तमिल, कन्नड़, मलयालम, बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों के पाइरेट्स को भी उजागर करती है. फिल्म इंडस्ट्री और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मिलकर क्रिएटिव कंटेंट की सुरक्षा करनी होगी.