भारत में मौसम बेईमान होता जा रहा है. फरवरी में हीट वेव शुरू हो गई है. फरवरी अभी खत्म भी नहीं हुई है लेकिन घरों में पंखे चलने शुरू हो गए हैं. गर्म कपड़े पैक करके रखे जाने लगे हैं. वैसे तो फरवरी और मार्च में वसंत ऋतु का समय होता है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस बार यह ऋतु कहीं खो गई. सर्दी के बाद सीधे गर्मी आ गई है.
उत्तरी और पश्चिमी भारत के कई इलाकों में इस समय तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, जो मई के महीने में होता है. दिल्ली में 1969 के बाद तीसरा सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड हुआ है, जिसमें तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक तक पहुंच चुका है.
5 से 11 डिग्री तक बढ़ गया तापमान
वैसे पूरे भारत में फरवरी में अधिकतम औसतन तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम औसतन तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, लेकिन इस बार इसमें जबरदस्त वृद्धि हुई है. उत्तरी और पश्चिमी भारत के इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से 5 से 11 डिग्री तक बढ़ गया है.
इस समय राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में जबरदस्त हीटवेव चल रही है. इन जगहों पर तापमान सामान्य से 5 से 11 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा है, जबकि पहाड़ों पर भी गर्मी पड़ रही है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर तापमान सामान्य से 10 से 11 डिग्री तक ज्यादा है, जिसका मतलब यह है कि पहाड़ों पर भी हीट वेव चल रही है.
इस आधार पर तय होती है हीट वेव
जब किसी इलाके का तापमान सामान्य से साढ़े 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है या फिर किसी इलाके का अधिकतम तापमान निर्धारित तापमान से ज्यादा होता है. जैसे- अगर मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री, पहाड़ों पर 30 डिग्री और तटीय इलाकों में 37 डिग्री से ज्यादा होता है तो इसका मतलब है कि इन इलाकों में हीट वेव पड़ रही है. बड़ी बात यह है कि हीट वेव की यह स्थिति मई और जून के महीने में बनती है, लेकिन फरवरी में कभी हीट वेव नहीं आती, लेकिन इस बार वसंत ऋतु में ही भयंकर गर्मी पड़ रही है.
भारत में बदल रहा मौसम का पैटर्न
भारत के लिए स्थिति चिंताजनक होती जा रही है, क्योंकि हमारे देश में मौसम का पैटर्न तेजी से बदल रहा है. अब फरवरी ठंड की जगह गर्मी पड़ रही है. जुलाई से सितंबर के बीच जब बारिश होनी चाहिए, तब बारिश तो पहले जितनी ही हो रही है, लेकिन ये बारिश अब दो से तीन दिन में हो जाती है और बाकी दिन मई और जून जितने गर्म रहते हैं. इसी तरह अब दिसंबर का आधा महीना तो ठंडा रहता है लेकिन आधा दिसंबर काफी गर्म रहता है.
पिछले साल 1 से 15 दिसम्बर तक दिल्ली और उत्तर भारत के बहुत सारे इलाकों में ठंड नहीं होती थी. यहां तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था, लेकिन इसके बाद 25 दिसंबर से सर्दियां शुरू हुईं, जब तापमान कम हुआ.