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चांडिल बांध से पानी छोड़े जाने से बालासोर जलमग्न, 50,000 से अधिक लोग प्रभावित

ओडिशा के बालासोर में अचानक चांडिल बांध से पानी छोड़े जाने से सुवर्णरेखा नदी में बाढ़ आ गई, जिससे 50,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए. 61 गांव जलमग्न हो जबकि 21 ग्राम पंचायतों में हालात भयावह हैं. राज्य सरकार ने फायर सर्विस, ODRAF, NDRF टीमों, नाव और फ्री किचन के साथ राहत बचाव अभियान शुरू किया. सांसद प्रताप सरंगी ने पीएम से हस्तक्षेप की मांग की है.

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ओडिशा के बालासोर में चांडिल बांध से अचानक पानी छोड़े जाने के बाद कई इलाके जलमग्न हो गए. तीन ब्लॉकों और एक शहरी क्षेत्र में अचानक बाढ़ आ जाने से 50,000 से अधिक निवासी प्रभावित हुए हैं.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह बाढ़ झारखंड के चांडिल बांध से बिना सूचना पानी छोड़े जाने के कारण आई. ये आरोप बालासोर सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने लगाया है. सांसद सारंगी ने इसको लेकर मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है.

बाढ़ की चपेट में 21 ग्राम पंचायतों के कुल 61 गांव आए हैं, जिसमें बलीपाल, बास्ता, भोगराई और जलस्स्वर ब्लॉकों के अंतर्गत क्षेत्र शामिल हैं. नदी का जलस्तर 10.36 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया है. अधिक बारिश न होने के बावजूद अचानक पानी आने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया.

जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकालने के लिए बीडीओ और तहसीलदारों को निर्देश जारी किए है. राहत- बचाव के लिए फायर सर्विस की पांच टीमों, ODRAF की तीन टीमों और एक NDRF टीम को तैनात किया गया है. 

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पुलिस उपमहानिरीक्षक (पूर्वी रेंज) सत्यजीत नाइक ने बताया कि राजघाट पर नदी का स्तर खतरनाक हो गया है, इसलिए बालासोर और मयूरभंज में अलर्ट जारी किया गया है. 

प्रशासन ने सभी सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर मुख्यालय से बाहर नहीं जाने का निर्देश जारी किया है. जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर ने आशा जताई है कि उपरी हिस्सों में वर्षा न होने से जलस्तर जल्द नियंत्रण में आ जाएगा और नदी का पानी समुद्र की ओर निकल जाएगा.


 

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