संसद का मॉनसून सत्र बुधवार को अपने घोषित समय से दो दिन पहले अचानक खत्म हो गया. कई सालों में पहली बार ऐसा हुआ, जब राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू ने समापन भाषण नहीं दिया और सत्र को खत्म करना पड़ा. संयोगवश, चार साल पहले आज के ही दिन वेंकैया नायडू ने उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्यभार संभाला था. 13 अगस्त तक चलने वाला मॉनसून सत्र सभापति नायडू की अध्यक्षता में 11वां सत्र था.
इससे पहले, कुछ सांसदों द्वारा अमर्यादित अचारण की वजह से सभापति वेंकैया नायडू काफी नाराज नजर आए. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि जो कुछ भी बीते दिन सदन में हुआ, वह काफी आहत करने वाला था. इस दौरान, सभापति भावुक भी हो गए. एक दिन पहले विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में काफी हंगामा किया था. केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने टेबल पर चढ़ गए थे और रूल बुक फेंकते हुए नजर आए थे.
हालांकि, इस दौरान सभापति की कुर्सी खाली थी, क्योंकि कुछ देर पहले ही सदन स्थगित कर दिया गया था. हंगामे के वीडियो में कई विपक्षी सांसदों को कागज और डायरी फेंकते हुए और टेबल पर बैठे देखा जा सकता था. राज्यसभा के रिपोर्टिंग अधिकारी, जो सांसदों, मंत्रियों और अध्यक्ष द्वारा कहे गए हर शब्द सहित सदन की कार्यवाही को नोट करते हैं, उन्हें हंगामे के दौरान अपनी जगह से दूर जाते हुए देखा गया.
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राज्यसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''अध्यक्ष की भावनात्मक प्रतिक्रिया के पीछे एक कारण था. आज उन्होंने सदन के मुखिया के रूप में 4 साल पूरे किए थे.'' वहीं, बुधवार को जब नायडू भावनात्मक अपील कर रहे थे, उस दौरान भी विपक्षी सांसद विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी करते रहे. सभापति नायडू ने सांसदों को संबोधित करते हुए संसद की पवित्रता बनाए रखने का आह्वान किया और कहा कि इसे कुछ विपक्षी सांसदों ने नष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह बीते दिन हुईं घटनाओं के कारण दुखी महसूस कर रहे हैं और बीती रात सो तक नहीं सके.
इसके अलावा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सदन न चलने देने की वजह से पीड़ा व्यक्त की. उन्होंने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा के वेल में तख्तियां पकड़े सदस्य और नारेबाजी करना सदन की परंपरा नहीं है. उन्होंने बताया कि गतिरोध की वजह से पूरे मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा केवल 21 घंटे काम कर पाई और इसकी प्रोडक्टिविटी 22 फीसदी ही रही.