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अगले साल होली तक चालू हो जाएगी देश की पहली रैपिड रेल, तस्वीरों में देखिए कितनी खास

First Rapid Rail of India: देश की पहली रैपिड रेल अगले साल होली तक चालू हो सकती है. काम फुल स्पीड में जारी है और इस ट्रेन को लेकर कई तरह की जानकारी भी सामने आई है.

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अगले साल होली तक चालू हो जाएगी देश की पहली रैपिड रेल
अगले साल होली तक चालू हो जाएगी देश की पहली रैपिड रेल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
  • 17 किलोमीटर के स्ट्रेच पर दौड़ेगी

First Rapid Rail of India: अगले साल होली तक साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल चालू करने की तैयारी है. मेट्रो और बुलेट ट्रेन के बीच की स्पीड वाली इस ट्रेन के कोचेज कैसे होंगे, इस पर से बुधवार को पर्दा हट गया. एनसीआरटीसी और आरआरटीसी के साझा उपक्रम में ये परियोजना तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है. आरआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह के मुताबिक अगले साल मार्च तक साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर के स्ट्रेच पर ये ट्रेन उड़ान भरने लगेगी.

सिंह ने आजतक को बताया कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 160 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत स्पीड से चलने वाली इस नायाब रेलगाड़ी में सामान्य यात्रियों के साथ दिव्यांग और स्ट्रेचर पर गंभीर मरीज के भी शीघ्र और सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था रहेगी.

हवाई जहाजों की तरह खुलने बंद होने वाले दरवाजे होंगे और अंदर टू बाई टू यानी वायुयान की तरह सीटें होंगी. इनके ऊपर सामान रखने के रैक भी होंगे. साथ ही एक ओर की सीटें गाड़ी की गति की दिशा में तो दूसरी ओर की विपरीत दिशा में होंगी. ये व्यवस्था उन यात्रियों के लिए लाभदायक होगी जिनको गाड़ी की रफ्तार की दिशा के विपरीत दिशा में मुंह करके बैठकर सफर करने से बेचैनी होती है.

ये ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत रफ्तार से चलेगी. सामान रखने वाले रैक होने से यात्रियों को इस हाई स्पीड ट्रेन में खड़े होकर सफर करने में भी आसानी होगी. वहीं ट्रेन की ऊंचाई भी सामान्य मेट्रो से ज्यादा है और चौड़ाई भी लगभग एक फुट ज्यादा.

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सभी रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा पैनल से युक्त होंगे. दिन में तो सारी बिजली रोशनी इसी के जरिए खपेगी, रात के लिए थोड़ी बिजली घरों से ली जाएगी. लेकिन योजना है कि अगले 18 साल में यानी 2040 तक ये पूरी रेल व्यवस्था वैकल्पिक और स्वच्छ ऊर्जा पर ही चलेगी.

दिल्ली मेरठ के साथ साथ इस परियोजना के अन्य प्रकल्प यानी दिल्ली पानीपत, अलवर और एनसीआर के अन्य नजदीकी शहरों तक भी काम चालू हो गया है. कहीं सर्वेक्षण, कहीं डीपीआर तो कहीं निर्माण शुरू होने से पहले की प्रक्रिया चल रही है.

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