पहलगाम टेरर अटैक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खी काफी बढ़ गई है. इसी बीच गृह मंत्रालय ने कल यानी बुधवार को देश के कई हिस्सों में मॉकड्रिल कराए जाने का निर्देश दिया है, इस दौरान सायरन बजाए जाएंगे, ब्लैकआउट किया जाएगा. इसी बीच आजतक की टीम बॉर्डर से सटे पंजाब के फिरोजपुर में पहुंची.
यहां रहने वाले परगट सिंह ने कहा कि हमने 1971 की जंग भी देखी है, उस वक्त ब्लैकआउट तो नहीं हुआ था, लेकिन 2-3 दिन पहले ही सेना के जवानों ने गांव में आकर अलर्ट कर दिया था. उन्होंने कहा कि हमें जंग का कोई डर नहीं है.
फिरोजपुर के रहने वाले मोढ़ा सिंह ने कहा कि भले ही जंग का मौहाल बन रहा हो, लेकिन यहां कोई खतरा नहीं है. वहीं, सेना से रिटायर सुरजीत सिंह ने कहा कि पहलगाम के मुद्दे पर जंग नहीं होनी चाहिए, हमें 26 लोगों की मौत का दुख है, लेकिन युद्ध में लाखों लोगों की जान दांव पर लगा देना समझदारी नहीं होगी. जंग कहने में आसान होती है, लेकिन इसका नतीजा उन्हें पता है जिन्होंने युद्ध देखा है. साथ ही कहा कि हम सेना से रिटायर हैं, अगर आर्मी ने दोबारा बुलाया तो हम जाएंगे.
फिरोजपुर के केवल सिंह ने कहा कि जंग किसी भी समस्या का हल नहीं है. ये बात सही है कि पहलगाम में हमला नहीं होना चाहिए था. वहीं, रणवीर सिंह ने बताया कि जंग तो नहीं होनी चाहिए. हालांकि ये भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम बॉर्डर पर जाएंगे.
बता दें कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान द्वारा LoC और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर लगातार 8 रात से गोलीबारी की जा रही है, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है. ऐसे में सेना को हाईअलर्ट पर रखा गया है. सीमावर्ती गांवों में नागरिकों ने बंकरों की मरम्मत शुरू कर दी है और जरूरी वस्तुओं का भंडारण किया जा रहा है. 7 मई को पूरे देश में मॉक ड्रिल भी आयोजित की जाएगी.