तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के निर्वाचन क्षेत्र कोडंगल के किसान अपनी जमीनें अधिग्रहित करने और उन्हें दवा कंपनियों को आवंटित करने के राज्य सरकार के कदम का विरोध कर रहे हैं. कोडंगल में प्रस्तावित फार्मा विलेज के खिलाफ विद्रोही रुख अपनाते हुए डुडयाला मंडल के किसानों ने बुधवार को घोषणा की कि वे अपनी जमीनें सौंपने के बजाय मरना पसंद करेंगे. पोलेपल्ली की एक महिला किसान ने डुडयाला एमआरओ कार्यालय के सामने कीटनाशक की बोतल लेकर विरोध प्रदर्शन किया और धमकी दी कि अगर उसकी जमीन ली गई तो वह अपनी जान दे देगी.
मौके पर मौजूद साथी किसानों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और महिला के हाथ से कीटनाशक की बोतल छीन ली, लेकिन उसकी भावनाओं को दोहराते हुए कहा कि वे मर जाएंगे, लेकिन अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे. किसानों यह प्रतिरोध मुख्यमंत्री के गृह निर्वाचन क्षेत्र में बढ़ते तनाव को उजागर करता है. यहां प्रस्तावित फार्मा विलेज परियोजना को स्थानीय कृषक समुदाय से तीखे विरोध का सामना करना पड़ा है. किसानों का तर्क है कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से उनकी आजीविका को खतरा है और वे अपनी मांगें पूरी होने तक अपना विरोध जारी रखने के लिए तैयार हैं.
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प्रस्तावित फार्मा सिटी के लिए डुडयाल मंडल के हाकिमपेट, पोलेपल्ली और लकाचरला गांवों की लगभग 3,000 एकड़ कृषि भूमि अधिग्रहित की जानी है. बीत दिनों किसानों के इस विरोध प्रदर्शन में कोडंगल के पूर्व विधायक पटनम नरेंद्र रेड्डी भी शामिल हुए थे. ज्यादातर किसान दलित समुदाय से हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर फार्मा विलेज प्रोजेक्ट के लिए उनकी जमीनें लेने करने की कोशिश की गई तो वे अधिकारियों को खदेड़ देंगे. उनका कहना है कि कोडंगल में अधिकांश भूमि उपजाऊ है और फार्मा विलेज की स्थापना के लिए ऐसी भूमि का उपयोग करना सरकार की ओर से बुद्धिमानी भरा फैसला नहीं है.
राज्य सरकार द्वारा उनकी जमीनों का अधिग्रहण करने और उन्हें दवा कंपनियों को आवंटित करने के कदम से चिंतित, दौलताबाद मंडल के किसानों के एक समूह ने 23 अगस्त को तेलंगाना भवन में बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव से मुलाकात की थी और उनका समर्थन मांगा था. जवाब में, रामाराव ने किसानों को आश्वासन दिया था कि उनकी पार्टी बीआरएस उनके साथ खड़ा रहेगी और किसानों की भूमि की रक्षा के लिए उनकी लड़ाई में पूरा समर्थन देगी. किसानों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के भाई तिरुपति रेड्डी उन पर अपनी ज़मीन छोड़ने का दबाव डाल रहे हैं.