गुजरात के हड़प्पाकालीन शहर धोलावीरा को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है. यूनेस्को विश्व धरोहर समिति (WHC) के 44वें सत्र के बाद धोलावीरा को वर्ल्ड हेरिटेज को शामिल किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि को बेहद शानदार खबर करार दिया.
यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में भारत का एक और शहर शामिल हो गया है. यूनेस्को ने आज मंगलवार को धोलावीरा को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल करने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि इस खबर से बुहत खुशी हुई. धोलावीरा एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र था और हमारे अतीत के साथ हमारे सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है. यह विशेष रूप से इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व में रुचि रखने वालों के लिए एक यात्रा अवश्य है.
Absolutely delighted by this news.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 27, 2021
Dholavira was an important urban centre and is one of our most important linkages with our past. It is a must visit, especially for those interested in history, culture and archaeology. https://t.co/XkLK6NlmXx pic.twitter.com/4Jo6a3YVro
गुजरात के कच्छ के भारत-पाकिस्तान सीमा पर पुरातत्व स्थल यानि धोलावीरा स्थित है. यहां से हडप्पनकालीन सभ्यता के अवशेष पाए गए हैं. यूनेस्को ने ट्वीट कर कहा है कि धोलावीरा! हड़प्पा काल का शहर इस शहर को यूनेस्को की वैश्विक धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है. बधाई.
🔴 BREAKING!
— UNESCO 🏛️ #Education #Sciences #Culture 🇺🇳😷 (@UNESCO) July 27, 2021
Dholavira: A Harappan City, in #India🇮🇳, just inscribed on the @UNESCO #WorldHeritage List. Congratulations! 👏
ℹ️ https://t.co/X7SWIos7D9 #44WHC pic.twitter.com/bF1GUB2Aga
करीब 30 साल तक हुई खुदाई
दुनियाभर में अपनी अनूठी विरासत के लिए मशहूर धोलावीरा साइट 'कच्छ के रण' के मध्य स्थित द्वीप 'खडीर' में स्थित है और इसे पांच हजार साल से भी पुराना माना जाता है. इसे विश्व का पहला प्राचीन महानगर के तौर पर भी जाना जाता है. हड़प्पाकालीन सभ्यता के पुराने स्थलों में एक से एक है धोलावीरा.
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माना जाता है कि धोलावीरा में सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष और खंडहर मिले हैं, और यह उस सभ्यता के सबसे बड़े प्राचीन नगरों में से एक था. भौगोलिक तौर पर यहां वन्य अभ्यारण्य के भीतर खादिरबेट द्वीप पर ये स्थित है और यहां हजारों पक्षी भी आते हैं.
भारत में अब कुल 40 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स
हडप्पा संस्कृति के इस नगर की जानकारी 1960 में हुई और 1990 तक इसकी खुदाई चलती रही. हडप्पा, मोहन जोदाड़ो, गनेरीवाला, राखीगढ़, धोलावीरा और लोथल ये 6 पुराने महानगर पुरातन संस्कृति के नगर हैं. इनमें से धोलावीरा और लोथल भारत में स्थित हैं जिसमें आज धोलावीरा को वल्ड हेरिटेज साइट के तौर पर शामिल कर लिया है.
असल में भारतीय पुरातत्व विभाग (Archaeological Survey of India ) ने धोलावीरा की खोज 1967-68 में की थी. इसे हड़प्पाकाल के पांच सबसे बड़े स्थलों में शुमार किया जाता है. सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा यह स्थल पुरातत्विक लिहाज से काफी अहमियत रखता है.
इसके साथ ही अब भारत में कुल ऐसी 40 साइट्स हो गई हैं, जिन्हें वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा मिल चुका है. वहीं अब धोलावीरा के यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल होने के बाद गुजरात में 4 विश्व धरोहर स्थल हो गए हैं. धोलावीरा के अलावा पावागढ़ में स्थित चंपानेर, पाटन और अहमदाबाद में रानी की वाव को भी वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा मिला है. यहां के गांव के लोगों के पुरानी मांग थी की कि इस साइट को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के तौर पर घोषित किया जाए.
(इनपुट-वरुण सिन्हा)