दिल्ली-NCR में लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. बढ़ते प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और एलर्जी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इस पर काबू पाने के लिए तमाम कदम उठाए हैं, लेकिन अब तक ये नाकाफी साबित हो रहे हैं. हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है. ऐसे में केजरीवाल सरकार ने अपने 7 साल पुराने ऑड ईवन फॉर्मूले को लागू करने का ऐलान किया है. Odd-Even को लेकर लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं, आईए ऐसी ही कुछ सवालों के जवाब जानते हैं...
1- दिल्ली में कब से कब तक लागू होगा Odd-Even?
- केजरीवाल सरकार ने 13 नवंबर से 20 नवंबर तक Odd-Even लागू किया है. केजरीवाल सरकार का कहना है कि 20 अक्टूबर के बाद प्रदूषण की स्थिति को देखकर इसे आगे बढ़ाया जा सकता है.
2- क्या होता है Odd-Even?
- Odd-Even का सीधा संबंध राजधानी में चलने वाले वाहनों से है. ऑड तारीखों पर Odd (जिन गाड़ियों के नंबर में आखिरी अंक 1,3,5,7 और 9 ) नंबर वाली और ईवन तारीखों पर Even नंबर (जिन गाड़ियों के नंबर में आखिरी अंक 0, 2, 4, 6, 8) वाली कारें चलेंगी.
3- किस दिन कौन सी गाड़ी चलेगी?
Odd नंबर वाली कारें- 13, 15, 17, 19 नवंबर को चलेंगी.
Even नंबर वाली कारें- 14, 16, 18, 20 नवंबर को चलेंगी.
4- नियम तोड़ने पर कितना जुर्माना लगेगा?
- 2019 में Odd-Even के नियमों को तोड़ने पर जुर्माने की राशि को 2000 से बढ़ाकर 4000 किया गया था. इसके बाद इसे लेकर आदेश जारी नहीं हुआ. हालांकि, जब दिल्ली सरकार इसे लेकर गाइडलाइन जारी करेगा, उसमें जुर्माने का भी जिक्र किया जा सकता है.
5- कब कब लागू किया गया फॉर्मूला?
दिल्ली में चौथी बार Odd-Even लागू होने जा रहा है. सबसे पहले इसे एक जनवरी से 15 जनवरी 2016 तक लागू किया गया था. इसके बाद उसी साल 15 से 30 अप्रैल के बीच इसे लाया गया. इसके बाद 2019 में 4-15 नवंबर तक ऑड ईवन को लागू किया गया.
6- केजरीवाल सरकार का ये फॉर्मूला कितना सफल?
- शिकागो विश्वविद्यालय में एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एंड एविडेंस फॉर पॉलिसी डिजाइन ने साल 2016 में लागू किए गए ऑड-ईवन स्कीम को लेकर विश्लेषण किया था. इसमें पाया गया कि योजना के घंटों बाद PM2.5 के स्तर में 14-16 फीसदी की कमी देखी गई. उस साल जनवरी में ऑड-ईवन लागू रहा. हालांकि उस साल जब अप्रैल में भी इस योजना को लागू किया गया तो प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई थी.
- आईआईटी-दिल्ली के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में पाया गया था कि जब जनवरी 2016 में पहली बार यह योजना शुरू की गई थी, तब वायु प्रदूषण में केवल दो से तीन प्रतिशत की कमी आई थी. दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने साल 2019 में अपने एक अध्ययन में पाया था कि जनवरी 2016 में ऑड-ईवन जब लागू किया गया तो प्रदूषण में 4.7 से 5.7 तक की कमी आई थी.
ऑड ईवन में किन्हें मिलेगी छूट?
इस बार अभी तक ऑड ईवन की गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. हालांकि, पिछली बार के नियमों को देखें, तो इस बार भी दोपहिया वाहनों को ऑड ईवन के तहत छूट मिल सकती है.
इसके अलावा ईवी वाहन इस नियम से बाहर रहेंगे. यानी वे किसी भी दिन अपनी कार निकाल सकते हैं.
महिला यात्री वाले वाहन, 12 साल तक के बच्चे, टैक्सी, दिव्यांग लोग, वीआईपी और आपातकालीन और रक्षा वाहनों को ऑड ईवन में छूट मिल सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने ऑड ईवन पर उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को दिल्ली सरकार की ऑड ईवन योजना पर सवाल उठाए हैं. जस्टिस संजय किशन कौल ने सुनवाई के दौरान कहा, आप पहले भी ऑड ईवन सिस्टम ला चुके हैं, क्या यह सफल हुआ है, यह सब सिर्फ दिखाने के लिए है.