दिल्ली के विधायकों का वेतन संशोधित होगा. दिल्ली स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इन मांगों को पूरा करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. इस समिति की अध्यक्षता बीजेपी के अभय वर्मा करेंगे.
विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इस समिति का गठन किया है. इस समिति में अभय वर्मा सूर्य प्रकाश खत्री, पूनम शर्मा और विशेष रवि होंगे. इसके साथ ही इस समिति में आम आदमी पार्टी के दो सदस्य भी होंगे. यह समिति 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे.
बता दें कि इससे पहले सदन में मांग उठी थी कि डाटा एंट्री ऑपरेटर की भी संख्या और सैलरी भी बढ़ाई जाए.
दिल्ली में आखिरी बार 2023 में केजरीवाल सरकार ने विधायकों की सैलरी बढ़ाई थी. विधायकों की सैलरी में ये बढ़ोतरी 12 साल बाद हुई थी. तब विधायकों की सैलरी 66 फीसदी और मंत्रियों-मुख्यमंत्रियों की सैलरी 136 फीसदी बढ़ाई गई थी.
दिल्ली के विधायकों की महीनेभर की बेसिक सैलरी 30 हजार रुपये है. पहले ये 12 हजार थी. जबकि, मंत्रियों और मुख्यमंत्री की बेसिक सैलरी अब 60 हजार रुपये है, जो पहले 30 हजार रुपये थी.
मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष को हर महीने सैलरी और भत्ते मिलाकर 72 हजार रुपये की बजाय 1.70 लाख रुपये मिलते हैं. मंत्रियों और मुख्यमंत्री को हर महीने बेसिक सैलरी के रूप में 60 हजार, निर्वाचन भत्ता 30 हजार, सचिवालय भत्ता 25 हजार, सम्प्चुअरी अलाउंस (गेस्ट के खर्च के लिए अलग से भत्ता) 10 हजार रुपये मिलेगा.
इसके अलावा हर दिन 1,500 रुपये का डेली अलाउंट भी मिलता है. इस तरह से कुल 1.70 लाख रुपये होते हैं. जबकि, विधायकों की बेसिक सैलरी 30 हजार रुपये है. विधायकों को हर महीने 25 हजार का निर्वाचन भत्ता, 15 हजार का सचिवालय भत्ता, 10 हजार का यात्रा भत्ता और टेलीफोन भत्ता 10 हजार रुपये मिलता है. इस हिसाब से विधायकों को हर महीने 90 हजार रुपये मिलते हैं. इन सबके अलावा विधायकों को 1,500 रुपये का डेली अलाउंस भी मिलता है. लेकिन डेली अलाउंस साल में सिर्फ 40 दिन का ही मिलता है.