जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ से देश में अब तक 20 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसे लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने बुधवार को भारत से स्पष्टीकरण मांगा कि क्या इन दवाओं का किसी अन्य देश में भी निर्यात किया गया है या नहीं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वह कोल्ड्रिफ सिरप के लिए वर्ल्ड मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट की जरूरत पर गौर करेगा. इस दवा से कई बच्चों की मौत की रिपोर्ट्स के बाद देश के कई राज्यों में बैन कर दिया गया है.
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) और गांबिया की हेल्थ अथॉरिटी की 2023 की रिपोर्ट से गांबिया में कई बच्चों की मौतों और भारत में बनी कफ सिरप के बीच कनेक्शन का पता चला था. गांबिया में कथित तौर पर कफ सिरप पीने से जिन बच्चों की मौत हुई थी. वह कफ सिरप भारत में बनी थी और संक्रमित थी.
इस रिपोर्ट से महीनों पहले डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी जारी की थी कि भारत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स की ओर से गांबिया में सप्लाई किए गए चार कफ सिरप मानकों पर खरे नहीं उतरे थे और संभावित रूप से देश में कई बच्चों की मौतों से जुड़े थे.
भारत में अब तक 20 बच्चों की मौत कोल्ड्रिफ सिरप से मौत हो गई है, जिसमें डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा स्वीकार्य सीमा से लगभग 500 गुना अधिक पाई गई, जो एक अत्यधिक विषाक्त औद्योगिक रसायन है और किडनी फेल्योर का कारण बनता है.
इन 20 मौतों के अलावा मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में छह बच्चों का नागपुर के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है जिनमें से पांच बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
इन मौतों की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है. मामले में छिंदवाड़ा के डॉक्टर प्रवीण सोनी को कथित तौर पर लापरवाही बरतने के लिए गिरफ्तार किया गया है.