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रियलिटी चेक: कम होते कोरोना के साथ कम होता गया मास्क-सैनिटाइजर का इस्तेमाल

आजतक ने यूपी, एमपी और बिहार जैसे बड़े राज्यों के कई जिलों में रियलटी चेक किया और जानने की कोशिश की लोग वहां कोरोना से बचने के लिए जरूरी सावधानियों का लोग कितना ध्यान रख रहे हैं.

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घटे मास्क और सैनिटाइजर के दाम
घटे मास्क और सैनिटाइजर के दाम
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वाराणसी में बंद हो गईं सैनिटाइजर बनाने की 4 यूनिट्स
  • मास्क और सैनिटाइजर की मांग घटी, कम हुए दाम

कोरना वायरस ने कुछ दिनों की राहत के बाद कई राज्यों में फिर से पैर पसारना शुरू कर दिया है. कोरोना के मामलों में आई कमी की वजह से कई जगह लोग लापरवाह हो गए. तमाम लोगों ने मास्क पहनना बंद कर दिया तो वहीं सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड वॉश जैसे जरूरी नियम भी किनारे कर दिए. कोरोना से बचाव के लिए एहतियात का लोग कितना ध्यान रख रहे हैं? मास्क, सैनिटाइजर का लोग कितना इस्तेमाल कर रहे हैं? इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आजतक ने यूपी, एमपी और बिहार जैसे बड़े राज्यों के कई जिलों में रियलटी चेक किया और जानने की कोशिश की लोग वहां कोरोना से बचने के लिए जरूरी सावधानियों का लोग कितना ध्यान रख रहे हैं.

आजतक के रियलटी चेक में सामने आया कि कोरोना संक्रमण के कम होते मामलों के साथ ही लोगों का डर भी कम होने लगा और लोग लापरवाह होते गए. एक बार फिर जब कोरोना के नए मामले बढ़ने लगे हैं तो लोग फिर से मास्क और सैनिटाइजर की डिमांड करने लगे हैं. पूर्वी यूपी के प्रमुख शहर वाराणसी की बात करें तो पिछले 6 महीनों में कोरोना से लड़ने के लिए मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग काफी घट चुका है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वाराणसी और आसपास के जिलों में सैनिटाइजर प्रोडक्शन की 4 यूनिट्स बंद हो चुकी हैं.

वाराणसी मंडल के सहायक आयुक्त औषधि कृष्ण गोपाल गुप्ता ने कहा कि वाराणसी मंडल में सैनिटाइजर प्रोडक्शन के लिए चार यूनिट्स को लाइसेंस दिए गए थे. सभी चारो यूनिट्स में प्रोडक्शन बंद हो चुका है. इनमें वाराणसी की दो, चंदौली और जौनपुर की एक-एक यूनिट्स हैं. सहायक आयुक्त औषधि ने आगे कहा कि इसके दो कारण हो सकते हैं. एक लोगों ने इसका इस्तेमाल कम कर दिया हो और दूसरा यह कि अब बड़े ब्रांड के सैनिटाइजर आसानी से उपलब्ध हो जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने सैनिटाइजर के मूल्य का निर्धारण किया हुआ है तो उसी मूल्य में बड़ी कंपनियों के सैनिटाइजर मिल जा रहे हैं. सहायक आयुक्त औषधि ने यह भी कहा कि पहले के मुकाबले अब सैनिटाइजर और मास्क की बिक्री महज 15 से 20 फीसदी पर सिमटकर रह गई है.

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हमीरपुर में शून्य हुई मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री

यूपी के बुंदेलखंड में भी लोगों के बीच कोरोना का खौफ खत्म सा हो गया है. लोगों ने मास्क और सैनिटाइजर खरीदना ही बंद कर दिया है. हमीरपुर जिले में मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री शून्य हो गई है. दवा विक्रेता संघ के जिला अध्यक्ष मनु शर्मा ने इस संबंध में कहा कि जिले के सभी बड़े मेडिकल स्टोर में मास्क और सैनिटाइजर भरे पड़े हैं लेकिन इनका कोई खरीददार नहीं है. एक मेडिकल एजेंसी के मालिक रवि का कहना है कि इस समय मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री शून्य हो गई है. उन्होंने यह भी कहा कि छह महीने पहले तक मास्क और सैनिटाइजर की इतनी मांग थी कि हम सप्लाई नहीं कर पाते थे. नए साल की शुरुआत से अब तक एक भी मास्क, सैनिटाइजर की बिक्री नहीं हुई है.

मुजफ्फरनगर में अगस्त के बाद से घटती गई डिमांड

कोरोना के चलते देश में अचानक लगे लॉकडाउन के समय मास्क और सैनिटाइजर की मांग इस कदर बढ़ी थी कि बाजारों में इनकी किल्लत सी हो गई थी. धीरे-धीरे इन जरूरी चीजों की कमी खत्म होती गई, लेकिन अगस्त के बाद सैनिटाइजर और मास्क की डिमांड दिन-प्रतिदिन कम होती चली गई. दिसंबर में स्थिति ये हो गई कि कोई मास्क लगाने को तैयार नहीं. मार्केट में स्टॉक भरा हुआ है लेकिन कोई लेने वाला नहीं है. मुजफ्फरनगर केमिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष और स्वास्थ्य विभाग के नामित सदस्य सुभाष चौहान ने बताया कि 2020 में दवा व्यापारी तैयार नहीं था. उस समय मास्क और सैनिटाइजर की कमी थी. डिमांड काफी थी लेकिन अगस्त तक स्थिति बेहतर हो गई थी.

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नहीं हैं खरीददार
नहीं हैं खरीददार

सुभाष चौहान ने आगे कहा कि सैनिटाइजर की डिमांड भी थी लेकिन अगस्त के बाद सैनिटाइजर और मास्क की डिमांड दिन-प्रतिदिन कम होती चली गई. दिसंबर में दुकानों में बहुत मास्क थे लेकिन खरीददार नहीं थे. मास्क और सैनिटाइजर की उपलब्धता के बावजूद डिमांड में आई कमी की वजह पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि अब मास्क ऑनलाइन के साथ जनरल स्टोर और तमाम अन्य दुकानों पर भी मिल रहे हैं, इसलिए भी हो सकता है कि दवा मार्केट में इसकी डिमांड कम हो गई हो.

मेरठ में भी कम हो चुकी है मास्क की सेल

मेरठ में भी सैनिटाइजर और मास्क की बिक्री में जबरदस्त गिरावट आई है. जिला केमिस्ट एंड ड्रग्स एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल का कहना है कि जिस समय कोरोना पीक पर था और सरकार ने सख्ती की थी, उस समय 99 फीसदी लोग मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे थे. अब यह घटकर शून्य फीसदी तक आ पहुंचा है. अब 0.1 फीसदी सेल रह गई है. अब मास्क का इस्तेमाल वही लोग कर रहे हैं, जिन्हें ऐसी जगह जाना हो जहां पर बिना मास्क के एंट्री नहीं मिलनी.

मेरठ में मेडिकल स्टोर चलाने वाले अंकुर का कहना है कि कोरोना जब आया था तब हर गली-मोहल्ले में सैनिटाइजर और मास्क की दुकानें खुल गई थीं. हर आदमी मास्क बेच रहा था. उस समय तीन-चार करोड़ तक का टर्नओवर देखने को मिल रहा था. लेकिन अब लोग लापरवाह हो चुके हैं. प्रशासन की सख्ती भी कम हो गई है. जिस वजह से सेल भी कम हो गई है.

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प्रयागराज में भी मास्क, सैनिटाइजर की बिक्री में भारी कमी

संगम नगरी प्रयागराज में भी मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री में भारी कमी आई है. लोग पहले की अपेक्षा मास्क का प्रयोग कम कर रहे हैं. सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी कम हो रहा है. ज्यादातर लोग बिना मास्क के सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं. वहीं मास्क और सैनिटाइजर बेचने वाले दुकानदार इनकी बिक्री न होने से खासे परेशान हैं. उनका कहना है कि दिनभर में एक-दो मास्क ही बिक पा रहा है, लोग अब मास्क कम ले रहे हैं.

शहर भर में प्रशासन स्पीकर के जरिए लगातार कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा है. मास्क और सैनिटाइजर के इस्तेमाल की अपील कर रहा है. लेकिन जनता है कि मानने को बिल्कुल तैयार नहीं है. लोग बिना मास्क के घूमते दिखाई दे रहे हैं. वहीं ड्रग विभाग भी मानता है कि मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री में भारी कमी आई है. जहां मास्क की बिक्री 20 से 25 फीसदी तक सिमटकर रह गई है, वहीं सैनिटाइजर की बिक्री न के बराबर रह गई है.

सहारनपुर में बिक्री ने फिर पकड़ी रफ्तार

सहारनपुर में लॉकडाउन के समय से तुलना करें तो आज मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री में काफी गिरावट आ चुकी है. मेडिकल स्टोर चलाने वालों का कहना है कि अब बिक्री पहले के मुकाबले सिर्फ 10 से 15 फीसदी रह गई है. लोगों के मन में अब कोरोना का डर नहीं रहा. कुछ मेडिकल स्टोर वालों का कहना है कि सेल में फर्क तो आया है, लेकिन इसका कारण तमाम जगह इसका उपलब्ध होना भी हो सकता है. दवा विक्रेता सचिन जैन का कहना है कि लॉकडाउन के मुकाबले मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री इस समय काफी कम रह गई है. इसमें लोगों की लापरवाही है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि पिछले कुछ दिनों से सेल फिर से थोड़ी बढ़ती हुई नजर आ रही है.

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बिहार के सहरसा में 80 फीसदी तक कम हुई बिक्री

बिहार के उत्तरी इलाके के कोसी प्रमंडल में कोरोना को लेकर लोग निश्चिंत नजर आने लगे हैं. कोरोना को लेकर सजगता का अभाव साफ नजर आ रहा है. इस वजह से मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री में भी 80 से 90 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है. सहरसा में ड्रग एसोसिएशन के अध्यक्ष राघव सिंह की मानें तो पिछले दो-तीन महीनों से मास्क और सैनिटाइजर का बिकना बंद है. लोग इसके प्रति जागरूक नहीं हैं.

दुकानों में भरा है मास्क और सैनिटाइजर
दुकानों में भरा है मास्क और सैनिटाइजर

शहर के दवा व्यवसायी आनंद कुमार और सुजीत कुमार की मानें तो कोरोना को लेकर लोगों के मन से डर अब खत्म हो चुका है. दवा व्यवसायियों का कहना है कि ग्राहकों को बोलते भी हैं कि मास्क पहनें तो उनका जवाब होता है कि कोरोना खत्म हो गया है. दुकान में मास्क और सैनिटाइजर रखे-रखे खराब हो रहा है लेकिन खरीददार नहीं हैं.

होली में अप्रवासी लौटे तो बढ़ सकते हैं मामले

वहीं, सिविल सर्जन डॉक्टर अवधेश कुमार ने कहा कि लोगों में निश्चिंतता आ गई है. लोगों में जागरुकता जरूरी है जिससे कोरोना के सेकंड वेव से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि कोरोना टेस्ट और वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन पुलिस प्रशासन को भी सजग होना चाहिए. लोगों को कोरोना के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. सिविल सर्जन ने एक और अहम बात कही कि होली के दौरान जब अप्रवासी घर वापस आएंगे तो कोरोना के मामले बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी.

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मुजफ्फरपुर में भी कम बिक्री से दुकानदार परेशान

बिहार के मुजफ्फरपुर के मोतीझील स्थित दवा दुकानों पर पिछले छह महीने पहले मास्क आउट ऑफ स्टॉक रहता था लेकिन अब वहां कोई खरीदार नहीं हैं. दुकानदारों का कहना है कि अब कोई यूज ही नहीं कर रहा तो खरीदेगा कहां से. न के बराबर बिक्री हो रही है. एक अन्य दुकानदार का कहना था कि काफी कम बिक्री हो रही है. जहां पहले काफी ज्यादा सेल थी, अब इधर बहुत कम हो गई है.

कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर हसीब असगर ने बताया कि बीच में प्रशासन की सख्ती काफी थी जिस वजह से लोग मास्क पहनते थे. लेकिन इधर लोगों में कुछ लापरवाही दिख रही है. ऐसे में कोरोना खतरनाक साबित हो सकता है. वहीं, डॉक्टर सीके दास ने बताया कि काफी सतर्क रहने की जरूरत है. ये त्योहार का मौसम है.

सीतामढ़ी के लोगों में भी कोरोना का डर नहीं

कोरोना कुछ जगह फिर फैलने लगा है, इसके बावजूद बिहार के सीतामढ़ी जिले में लोग सड़कों पर बिना मास्क के ही नजर आते हैं. लोगों में कोरोना का डर नजर नहीं आ रहा. दवा विक्रेता संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया कि कोरोना के शुरुआती दौर में प्रशासन का भी दबाव था मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराने का. उन्होंने कहा कि एक वक्त ऐसा भी था जब एक महीने में एक करोड़ की बिक्री होती थी लेकिन अभी एक लाख का भी मास्क और सैनिटाइजर नहीं बिक रहा है. सभी व्यवसायियों का स्टॉक फंसा हुआ है. यही हाल रहा तो सारा स्टॉक डिस्ट्राय करना पड़ेगा.

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सीतामढ़ी में नहीं मिल रहे मास्क और सैनिटाइजर के खरीददार
सीतामढ़ी में नहीं मिल रहे मास्क और सैनिटाइजर के खरीददार

मध्य प्रदेश के इंदौर में फिर बढ़ने लगी है डिमांड

मध्य प्रदेश के सबसे बड़े आर्थिक शहर में कोरोना काल की शुरुआत से ही तमाम जागरूकता अभियान चलाए गए ताकि लोग इसके प्रकोप से बच सकें. इंदौर में लोगों ने मेडिकल स्टोर के अलावा जगह-जगह मास्क और सैनिटाइजर बेचना शुरू कर दिया था. कई बड़े कारोबारी भी मास्क और सैनिटाइजर के उत्पादकों में शामिल हो गए. उन दिनों प्रदेश के सबसे बड़े दवा बाजार का आलम ये था कि एक समय एन- 95 मास्क और सैनिटाइजर की कमी हो गई थी. नवंबर महीने से कोरोना का ग्राफ नीचे गिरा तो फिर मास्क और सैनिटाइजर का कारोबार दिसंबर के मध्य से फरवरी के मध्य तक ढलान पर आ गया.

मेडिकल स्टोर संचालक गौरव बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद से ही मास्क और सैनिटाइजर की उपलब्धता हर जगह हो गई थी. कोरोना के केस कम होने के कारण डिमांड भी कम हो गई थी. अब केस बढ़ रहे हैं तो डिमांड फिर से बढ़ने लगी है. उन्होंने बताया कि जनता के लापरवाह हो जाने के चलते बीच मे कारोबार थम सा गया था. मेडिकल कारोबार से जुड़े पवन जायसवाल की मानें तो फरवरी के मध्य में सेल बहुत डाउन हो गई थी. लेकिन जबसे कोरोना ने फिर से तेजी पकड़ी है, सेल में ग्रोथ नजर आ रही है. उन्होंने बताया कि फरवरी से तुलना की जाये तो वर्तमान में मास्क और सैनिटाइजर की सेल डबल हो गई है.

ग्वालियर में रेट भी हो गए कई गुना कम

ग्वालियर में मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री पिछले 6 महीने की तुलना में घटकर 25-30 फीसदी रह गई है. इनके दाम में भी काफी कमी आई है. जो मास्क 200-300 रुपये तक के बिक रहे थे अब उनके रेट में कई गुना की कमी आ चुकी है. एन-95 मास्क अब 25 से 30 रुपये में बिक रहा है. वहीं सर्जिकल मास्क जो पहले 10-15 रुपये का बिका करता था अब 90 पैसे से 2 रुपये तक में मिल जा रहा है.

ग्वालियर के थोक मार्केट हुजरात पुल  में मास्क और सैनिटाइजर की अब वैसी बिक्री नहीं, जैसी 6-7 महीने पहले हुआ करती थी. व्यावसायियों का मानना है कि एनजीओ और सरकारी संस्थानों से भी मास्क और सैनिटाइजर बांटे जा रहे हैं, इसी वजह से लोगों को खरीदने की जरूरत कम ही पड़ रही है.

(वाराणसी से रोशन जायसवाल, हमीरपुर से नाहिद अंसारी, मुजफ्फरनगर से संदीप सैनी, मेरठ से उस्मान चौधरी, प्रयागराज से पंकज श्रीवास्तव, सहारनपुर से अनिल भारद्वाज, सहरसा से धीरज कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर से मणि भूषण शर्मा, सीतामढ़ी से केशव आनंद, इंदौर से धर्मेन्द्र कुमार शर्मा, ग्वालियर से सर्वेश पुरोहित का इनपुट)

 

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