पिछड़ों और अन्य पिछड़े वर्ग को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek manu Singhvi) ने कहा कि पिछड़ों के विषय में विलंब आपने किया, गलती आपने की. अब आप पछतावा तो दूर अपने पछतावे को छिपा रहे हैं. कॉन्फ्रेस करके अब अपने आप को बधाई का पात्र बता रहे हैं.
उन्होंने कहा कि शुरुआत में हमारे संविधान के कई प्रावधान सामने आए. हमारे संविधान में 1950 से कई प्रावधान है और यह इतिहास है. उन्होंने कहा कि आज का मुद्दा यह है कि अगस्त 2018 में 338 (B) के जरिए आपने कमीशन बनाया जिसके लिए आप अपने आप को बधाई दे रहे हैं हम भाजपा की बात कर रहे हैं.
सिंघवी ने कहा कि पिछड़ों के विषय में विलंब आपने किया गलती आपने की. अब आप पछतावा तो दूर अपने पछतावे को छुपा रहे हैं. कॉन्फ्रेस करके अब अपने आप को बधाई का पात्र बता रहे हैं. 2018 में जब कमीशन को लेकर जब बहस शुरू हुई तो विपक्ष के लोगों ने चिंता जताई थी.
'विपक्ष के कई नेताओं जताया था डर'
जब इस पर चर्चा हो रही थी तो विपक्ष के कई नेता ने इस पर डर जताया था कि कहीं आप मामले में प्रदेश के अधिकार क्षेत्र पर हस्तक्षेप तो नहीं कर रहे. आप किसी अमुक जाति को प्रदेश की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जा सके या नहीं.
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अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह एक मजेदार कहानी है यह दुखद नहीं तो हास्यपूर्ण होगी. पिछड़ा वर्ग के लिए आयोग बनाने के लिए संविधान संशोधन की बात करना सरकार और प्रधानमंत्री को बधाई देकर देश की जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा कि आपने हमारी मदद और अनुमति से पिछड़े वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग बनाया और आपने राज्यों की शक्ति छीन ली, अब आप इसे फिर शुरू कर देंगे.
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री को किस बात के लिए बधाई देने की जरूरत है? कोई भी राज्य पिछड़े वर्ग के लिए सूची नहीं बना सकता है और आप कह रहे हैं कि आपने ओबीसी के लिए बहुत कुछ किया है
सरकार का कांग्रेस पर हमला
इससे पहले केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज पीसी कर कहा कि भाजपा OBC समाज और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के युवाओं को मेडिकल कॉलेज की PG और UG की पढ़ाई में आरक्षण का निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देती है और उनका अभिनंदन करती है.
साथ ही यह भी कहा कि पिछड़ा वर्ग के आयोग को संवैधानिक दर्जा देने करने की मांग एक लंबे समय से चली आ रही थी. यूपीए सरकार के पिछले 10 वर्ष में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक आयोग का दर्जा दिया गया.