बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग का आधिकारिक एक्स अकाउंट (पूर्व में ट्विटर) नौ महीने तक हिटलर और मुसोलिनी की तारीफ करने वाली पोस्ट के साथ लाइव रहा और विभाग को इसका पता भी नहीं चला. पोस्ट में दोनों तानाशाहों को “20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली नेता बताया गया था.
फरवरी में पोस्ट की गई यह तस्वीर सोमवार को तब डिलीट की गई जब यह वायरल हो गई और सोशल मीडिया पर मीम शेयर होने लगे. इस पोस्ट में हिटलर और मुसोलिनी को "20वीं सदी के दो सबसे प्रभावशाली राजनेता" बताते हुए उनकी "विचारधारा को परफेक्ट बताया गया था.
सोमवार को पोस्ट वायरल होते ही हड़कंप मच गया और विभाग ने तुरंत पोस्ट को डिलीट कर दिया. अधिकारियों ने स्वीकार किया कि अकाउंट फरवरी में ही हैक हो गया था और हैकर्स कई महीनों तक अकाउंट का नाम-यूजरनेम बदलते रहे.
लोगों को सबसे ज्यादा हैरानी इस बात की रही कि एक सरकारी विभाग का हैक हुआ अकाउंट इतने लंबे समय तक अनदेखा कैसे रहा. अधिकारियों ने इसे हटाने की कार्रवाई तब की जब "पानी सिर के ऊपर चला गया" और इस पर हंगामा शुरू हो गया. सोशल मीडिया में इसे बिहार की डिजिटल और प्रशासनिक लापरवाही की मिसाल बताया गया.
9 महीने तक पोस्ट बनी रही
लोग इस बात से हैरान थे कि हैक किए गए अकाउंट से पोस्ट कम से कम नौ महीने तक लाइव रहे. कई लोगों ने पोस्ट पर कमेंट किया कि भारत के "सबसे पिछड़े राज्य" से सबसे बेतुकी बातें सामने आई और बिहार की छवि को सुधारने के लिए बिल्कुल भी कोशिश नहीं की गई. खास बात यह है कि नौ महीने से ज़्यादा समय में अकाउंट से किया गया आखिरी पोस्ट भी था. हिटलर-मुसोलिनी वाला पोस्ट 15 फरवरी को किया गया था.

हैकिंग के दौरान अकाउंट ने पुर्तगाल टूरिज़्म की तस्वीरों से लेकर डोनाल्ड ट्रंप की पोस्ट तक रीट्वीट की थीं, जिससे यह साफ हो गया कि अकाउंट लंबे समय से गलत हाथों में था. अब वायरल होने के बाद पोस्ट हटाई गई, लेकिन नौ महीने की इस चूक ने बिहार सरकार की डिजिटल निगरानी पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
यह पोस्ट और उस पर हुई घोर लापरवाही, बिहार सरकार के ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के कामकाज को भी दर्शाता है. सुनने में बुरा लगेगा लेकिन याद रखना चाहिए कि बिहार भारत के सबसे पिछड़े राज्यों में से एक है. लोगों का कहना है कि यह साफ हो गया था कि अकाउंट हैक किया गया है लेकिन पेज का एडमिन शायद नशे में था. हालांकि अब पोस्ट को हटा लिया गया है.
बिहार की छवि धूमिल
चौंकाने वाली बात यह है कि वह पोस्ट नौ महीने से अधिक समय तक ऑनलाइन रही और किसी ने इसे हटाने की जहमत नहीं उठाई. अब, हिटलर-मुसोलिनी वाली पोस्ट के वायरल होने के बाद अचानक उसे हटाना ‘बहुत कम, बहुत देर’ जैसा है, खासतौर पर उस राज्य की प्रतिष्ठा को देखते हुए, जहां सड़कें चोरी हो जाती हैं और लोहे के पुल काटकर कबाड़ी को बेच दिए जाते हैं. इस घटना ने बिहार की छवि को एक बार फिर नुकसान पहुंचाया है.
अकाउंट से पुर्तगाल टूरिज़्म की तस्वीरें, डोनाल्ड ट्रंप के ट्रुथ सोशल पोस्ट्स, यहां तक कि उनकी मेलानिया संग शादी की सालगिरह वाली फोटो तक रीट्वीट की गई थी.