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अकेले अर्श डल्ला ही नहीं, रमन जज से रिंकू रंधावा तक कनाडा में छुपे गैंगस्टर्स की लंबी है लिस्ट

कनाडा इस समय भारत से भागे आतंकी और गैंगस्टर्स के लिए जन्नत से कम नहीं है. यहां से जाने वाले आतंकी वहां खुलेआम घूम रहे हैं और भारत के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं. इन गैंगस्टर्स पर भारत में दर्जनों मामले दर्ज हैं.

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कनाडा ने भारत के कई आतंकियों और गैंगस्टर्स को पनाह दे रखी है.
कनाडा ने भारत के कई आतंकियों और गैंगस्टर्स को पनाह दे रखी है.

भारत का मोस्ट वांटेड भगोड़ा खालिस्तानी आतंकी और गैंगस्टर अर्श डाला अब कनाडा पुलिस की गिरफ्त में है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर काम करने वाले अर्श डाला पर भारत में कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है. अर्श डाला को कनाडा में कुछ समय पहले मारे गए हरदीप सिंह निज्जर का राइट हैंड माना जाता था. हालांकि, यह अकेला नहीं है जो भारत में मोस्ट वांटेड होने के बाद भी कनाडा में खुलेआम घूमाता है. रमन जज से लेकर रिंकू रंधावा तक ऐसे कई गैंगस्टर हैं, जो भारत से फरार होकर कनाडा में जा बसे हैं.

लखबीर सिंह 'लांडा'

पंजाब के तरनतारन का रहने वाला लखबीर सिंह उर्फ ​​लांडा कनाडा के एडमोंटन, अल्बर्टा में रहता है. इसका संबंध बब्बर खालसा इंटरनेशनल से है. 34 साल के लांडा ने साल 2021 में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट हमले की योजना बनाई थी. वो कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था.

लांडा सबसे पहले एक गैंग के लिए हथियारों को एक-जगह से दूसरी जगह पर ले जाने का काम करता था. नया लकड़ा था इसलिए पुलिस को भी उस पर शक नहीं होता था. साल 2011 में पहली बार लांडा के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया. तब से लेकर अब तक यानी इन 13 सालों में लांडा गैंगस्टर से आतंकी बन चुका है. उसके खिलाफ पंजाब के मोहाली और तरन तारन में रॉकेट हमलों की साजिश रचने के साथ ही करीब 20 से ज्यादा मामलों में केस दर्ज हैं. लांडा के इशारे पर उसके गुर्गे पंजाब में आतंकी और आपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं.

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चरणजीत सिंह (रिंकू रंधावा)

कनाडा जाकर बसने वाले गैंगस्टर्स में चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू रंधावा का नाम भी शामिल है. रिंकू कनाडा के सरे शहर में रहता है. रिंकू हाल ही में हुए शूटआउट में मारे गए हरदीप सिंह निज्जर के KTF संगठन के लिये काम करता है. रिंकू 25 से ज्यादा मर्डर और एक्सटॉर्शन की वारदातें कर चुका है.

रमनदीप सिंह (रमन जज)

जय पाल भुल्लर गैंग का गैंगस्टर रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज ने भी इस समय कनाडा में ही पनाह ली हुई है. रमन जज कनाडा में बैठकर ही पंजाब के युवाओं को रिक्रूट कर लेता है और इसके बाद टारगेट किलिंग को अंजाम देता है. 14 मार्च 2019 को रमन जज भारत छोड़कर कनाडा में जा बसा था. खास बात यह है कि रमन जज का भाई गैंगस्टर गगन जज जेल में बंद है.

गुरपिंदर सिंह (बाबा डल्ला)

खालिस्तानी आतंकी ग्रुप केटीएफ से जुड़ा गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा डल्ला भी इस समय कनाडा में ही रह रहा है. भारतीय जांच एजेंसियों के मुताबिक बाबा डल्ला पंजाब में मोस्टवांटेड है. बाबा डल्ला के खिलाफ मर्डर, हत्या की कोशिश और एक्सटॉर्शन से जुड़े कई मामले दर्ज हैं. डल्ला 31 जनवरी 2018 भारत छोड़कर कनाडा चला गया था. अब वह कनाडा में ही बैठकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है.

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सुखदूल सिंह (सुक्खा)

कनाडा में पनाह लिए बैठे गैंगस्टर सुखदूल सिंह सुक्खा दुनुके की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सुक्खा ए कैटगरी का गैंगस्टर था, उसका नाम भारत के मोस्ट वॉटेंड अपराधियों की उस लिस्ट में भी शामिल था, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी (NIA) ने हाल ही में जारी किया है. हैरानी की बात ये है कि हमलावरों ने उसकी जान लेने के लिए उसे सिर में एक नहीं दो नहीं बल्कि 9 गोली मारी थीं.

सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके ने कनाडा भागने के लिए 2017 में जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट और पुलिस क्लीयरेंस प्रमाणपत्र प्राप्त किया, जबकि उसके खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज थे. पुलिस वालों से मिलीभगत करके उसने कनाडा का वीजा हासिल कर लिया था.

कनाडा गैंगस्टर के लिए क्यों पनाहगार?

- इसके पीछे कई वजह हैं. पहली वजह है कि कनाडा में बड़ी संख्या में खालिस्तानी आतंकी मौजूद हैं. ये खालिस्तानी आतंकी गैंगस्टर्स को फंडिंग देते हैं और मदद करते हैं. इसके पीछे खालिस्तानी आतंकियों के भी हित छिपे हैं, क्योंकि ये गैंगस्टर भारतीय जमीन पर भारत विरोधी और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते रहते हैं.

- इतना ही नहीं खालिस्तानी आतंकी पन्नू का संगठन सिख फॉर जस्टिस इन गैंगस्टर को सपोर्ट करता है. भारत से जब कोई गैंगस्टर भागकर कनाडा पहुंचता है, तो सबसे पहले SFJ से उसे मदद मिलती है. SFJ के सपोर्ट से ये गैंगस्टर ड्रग्स, जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे नेक्सस को चलाते हैं.

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- कनाडा में मौजूदा हालत ये हैं कि इटालियन- कनाडाई माफिया और एशियाई संगठित अपराध समूह के बाद तीसरे नंबर पर पंजाबी गैंगस्टर प्रभावी हैं.

- भारत लगातार कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों और गैंगस्टर्स को लेकर सबूत सौंपता रहा है, लेकिन कनाडा प्रशासन की ओर से अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है. ऐसे में खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टर को कनाडा सबसे सुरक्षित लगता है.

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