राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी हुई है, लेकिन एनसीपी के नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी या शिवसेना का दामन थाम रहे हैं. एनसीपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री भास्कर जाधव आज शिवसेना में शामिल होने वाले हैं.
सूत्रों ने बताया कि जाधव ने आज सुबह औरंगाबाद में विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े को अपना इस्तीफा सौंप दिया. जाधव फिर मुंबई जाएंगे और शिवसेना में शामिल होंगे. जाधव गुहागर विधानसभा सीट से फिलहाल विधायक हैं.
शिवसेना में जाना जाधव के लिए घर वापसी होगी. वह कुछ साल पहले शिवसेना छोड़ एनसीपी में शामिल हुए थे. जाधव NCP-कांग्रेस सरकार में राज्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं. उन्हें महाराष्ट्र एनसीपी की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी.
एनसीपी का दामन छोड़ शिवसेना में शामिल होने वालों की सूची बढ़ती ही जा रही है. भास्कर जाधव से पहले एनसीपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मधुकर पिचद, बबनराव पचपुते, मुंबई के अध्यक्ष सचिन अहीर, राज्य महिला विंग की अध्यक्ष चित्रा वाघ ने पार्टी छोड़ शिव सैनिक बन गए.
बता दें कि भास्कर जाधव पिछले एक महीने में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से दो बार मुलाकात कर चुके हैं. लिहाजा इस तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह शिवसेना में शामिल हो सकते हैं. शुक्रवार को शिवसेना में उनके शामिल होने के साथ ही इन अटकलों पर मुहर लग जाएगी.
राज ठाकरे से हाथ मिलाने पर चल रहा विचार
बहरहाल, 10 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी के प्रमुख शरद पवार 10 सितंबर को दिल्ली में मुलाकात कर चुके हैं. उस दौरान दोनों नेताओं ने राज्य के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना गठबंधन को रोकने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के बीच गठबंधन के मुद्दे पर बातचीत की जिसमें क्षेत्रीय पार्टियां भी शामिल होंगी.
कांग्रेस और एनसीपी राज्य में अपने भाजपा विरोधी गठबंधन में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(एमएनएस) को भी शामिल करने पर विचार कर रहे हैं. वहीं पार्टी के एक नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी विरोधी गठबंधन में एमएनएस को शामिल करने को लेकर कांग्रेस को कुछ संदेह है. इसलिए मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेने से पहले, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदेश नेतृत्व से बातचीत करेंगे.
पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद यह सोनिया की पवार से पहली मुलाकात थी. दो महीना पहले एमएनएस प्रमुख ठाकरे ने उनसे उनके आवास पर मुलाकात की थी, जिससे यह कयास लगाए जाने लगे थे कि वह भी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना विरोधी गठबंधन का हिस्सा हो सकते हैं.
2014 के चुनाव में, बीजेपी ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि शिवसेना को 62 सीटें मिली थीं. कांग्रेस और एनसीपी को क्रमश: 42 व 41 सीटों के साथ संतुष्ट होना पड़ा था.