महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री के नाम का सस्पेंस जल्द खत्म हो सकता है. मुंबई में बीजेपी की संभावित बैठक के बाद नए सीएम के नाम का पेच सुलझ सकता है. नई सरकार के गठन की कवायद भी अंतिम फेज में है. 4 दिसंबर को बीजेपी विधायक दल की बैठक हो सकती है. 5 दिसंबर को शपथ ग्रहण होना तय हो गया है. लेकिन, CM समेत सरकार का स्वरूप कैसा होगा? यह साफ नहीं हो पाया है.
हालांकि, नई सरकार के फॉर्मूले से जुड़े सवालों के बीच एनसीपी प्रमुख अजित पवार का बयान काफी महत्वपूर्ण है. अजित पवार ने एक बयान में कहा, मुख्यमंत्री बीजेपी से होगा और दो डिप्टी सीएम शिवसेना और एनसीपी से होने पर लगभग सहमति बन गई है. सिर्फ ऐलान होना बाकी है.
इसके अलावा, गृह, वित्त और शहरी विकास जैसे हैवीवेट मंत्रालयों के बंटवारे का फॉर्मूला भी तय किया जा रहा है. महायुति की नई सरकार की तस्वीर कैसी होगी? इससे जुड़े तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब का 10 दिन से इंतजार किया जा रहा है.
कब होगी विधायक दल की बैठक?
मुंबई में आज महायुति के नेताओं की बैठक हो सकती है. इस बैठक में सीएम फेस से लेकर पावर शेयरिंग पर चर्चा होगी. किस दल से कौन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री होगा, इसे लेकर बातचीत हो सकती है. उसके बाद बीजेपी विधायक दल का नेता तय करने के लिए 4 दिसंबर को पार्टी विधायकों की बैठक हो सकती है. इसमें नए नेता सदन के नाम पर मुहर लगेगी. अभी ये बैठक सोमवार या मंगलवार को होने की चर्चा थी. आज महाराष्ट्र के लिए बीजेपी पर्यवेक्षकों के पैनल का ऐलान कर सकती है.
कब शपथ लेंगे नए सीएम?
शनिवार को महाराष्ट्र के बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया था कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होगा. उन्होंने एक्स पर लिखा था कि शपथ ग्रहण समारोह शाम 5 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे. हालांकि, उस दिन सिर्फ सीएम शपथ लेंगे या उनके साथ डिप्टी सीएम और अन्य मंत्री भी शपथ लेंगे? यह अब तक साफ नहीं हो पाया है.
CM-Dy CM का फॉर्मूला क्या होगा?
महायुति सरकार में बीजेपी से मुख्यमंत्री होगा और दो डिप्टी सीएम शिवसेना और एनसीपी से होंगे. शनिवार को एनसीपी नेता अजित पवार ने बताया था कि सीएम पद बीजेपी को मिलेगा. महायुति के अन्य सहयोगी शिवसेना और उनके नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को उपमुख्यमंत्री पद मिलेंगे. पवार का कहना था कि बैठक ( महायुति नेताओं की दिल्ली मीटिंग) के दौरान यह निर्णय लिया गया कि महायुति बीजेपी के मुख्यमंत्री के साथ सरकार बनाएगी और बाकी दो दलों के उपमुख्यमंत्री होंगे.
फडणवीस की सरकार में शिंदे का क्या होगा रोल?
फडणवीस अगर मुख्यमंत्री बनते हैं तो एकनाथ शिंदे का क्या रोल होगा? क्या वे डिप्टी सीएम बनेंगे या उनके बेटे श्रीकांत शिंदे डिप्टी सीएम की कुर्सी संभालेंगे? या फिर केंद्रीय राजनीति का हिस्सा बनना पसंद करेंगे? फिलहाल, इन सारे सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं. कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने ठाणे लौटने से पहले सतारा में कहा, पीएम का हर फैसला मुझे मंजूर है. बीजेपी की बैठक में नया मुख्यमंत्री तय होगा.
महाराष्ट्र में ये भी चर्चा है कि शिंदे के बेटे श्रीकांत को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. हालांकि, इस पर शिंदे भी सीधे-सीधे जवाब देने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि महायुति में बातचीत चल रही है. जल्द ही तस्वीर साफ हो जाएगी.
उन्होंने कहा, अभी भी चर्चा चल रही है और कई लोग अलग-अलग बातें बोल रहे हैं. हमारी अमित शाह के साथ बैठक हुई. अब मुंबई में मेरे, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के बीच एक और बैठक होगी. हम विस्तार से चर्चा करेंगे और फिर अंतिम रूप से निर्णय लिया जाएगा. हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं. उन्होंने हमें बहुत बड़ा जनादेश दिया है.
शिंदे का कहना है कि मैंने अपनी भूमिका साफ कर दी है. पीएम मोदी और अमित शाह जी मुख्यमंत्री का फैसला लेंगे. वे जो कहेंगे, उन्हें हमारा समर्थन है. हमें क्या मिला, यह हमारा फैसला नहीं है. महाराष्ट्र की जनता को क्या मिले, यह हमारा फैसला है. हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है. जनता ने हमें बहुत दिया है. अभी हमें विकास करना है.
महायुति में किसने कितनी सीटें जीतीं?
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित) गुट प्रमुख तौर पर शामिल हैं. 288 सीटों पर चुनाव हुए हैं. महायुति ने 233 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की. बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. जबकि शिवसेना ने 57 और और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं.
गृह-वित्त जैसे मंत्रालयों के बंटवारे का सिस्टम क्या होगा?
सरकार में मुख्यमंत्री समेत 43 मंत्री शामिल हो सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी कैबिनेट में गृह विभाग और कम से कम 20 मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है. जबकि शिवसेना 11-12 मंत्रालयों के साथ सरकार में नंबर दो पर रहना चाहती है. इसी तरह, एनसीपी को 10 विभाग दिए जाने की चर्चा है. इसके साथ ही अजित पवार के पास वित्त मंत्रालय बरकरार रखे जाने की संभावना है. शिवसेना नेताओं ने एकनाथ शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाई है. अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी फडणवीस के नाम पर सहमति जताई है.
पेच क्या फंस रहा है?
शिवसेना का तर्क है कि ये चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया है. शिंदे अघोषित तौर पर सीएम फेस थे और उनकी योजनाओं को जनता तक पहुंचाया गया. इसका महायुति को लाभ मिला और बंपर जीत हासिल की. चूंकि, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है तो सीएम फेस पर बीजेपी का दावा मजबूत हो गया है. ऐसे में शिंदे गुट सीएम पद छोड़ने के बदले गृह मंत्रालय दिए जाने पर अड़ गया है. हालांकि, बीजेपी गृह मंत्रालय और एनसीपी वित्त मंत्रालय देने को तैयार नहीं है.
बीजेपी ने शिंदे को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया है. बीजेपी का कहना है कि फडणवीस मुख्यमंत्री रहे हैं. उसके बावजूद वे 2022 में शिंदे कैबिनेट का हिस्सा रहे और डिप्टी सीएम पद संभाला. वहीं, शिंदे गुट इसे डिमोशन मानकर चल रहा है. हालांकि, शिंदे गुट के कुछ नेता डिप्टी सीएम पद लेने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं और सरकार में बने रहने की अपील कर रहे हैं.
एकनाथ शिंदे की पार्टी का कहना है कि जब फडणवीस डिप्टी सीएम थे, तब उनके पास गृह मंत्रालय था. इस हिसाब से अगर शिंदे डिप्टी सीएम बनें तो उन्हें गृह मंत्रालय दिया जाना चाहिए. शिवसेना की यह भी कोशिश है कि उद्योग और शहरी विकास विभागों समेत अपने सभी 9 मौजूदा मंत्रालयों को बरकरार रखा जाए.
शिवसेना के कुछ नेताओं ने महाराष्ट्र में बिहार फॉर्मूला लागू करने की मांग उठाई है. बिहार में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. लेकिन मुख्यमंत्री जेडीयू से नीतीश कुमार हैं.
सरकार के गठन के देरी पर क्या तर्क?
महायुति के नेता कहते हैं कि यह पहली बार नहीं है जब सरकार गठन में देरी हो रही है. इससे पहले 1999 में महाराष्ट्र सरकार गठन में एक महीने का समय लगा था.