दक्षिण मुंबई स्थित अंडरवर्ल्ड डॉन दिवंगत इकबाल मिर्ची की प्रॉपर्टी न्यू रोशन टॉकीज पर अतिक्रमण और उसे करोड़ों में बेचने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. ED ने VP रोड पुलिस स्टेशन में अब्दुल कादर अली मोहम्मद नामक व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है. आरोपी इकबाल मिर्ची का करीबी दोस्त बताया जा रहा है.
ईडी ने 2019 में इकबाल मिर्ची, उसके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ अपनी जांच शुरू की और तब से DHFL के तत्कालीन प्रमोटर कपिल वधावन सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है. मिर्ची की पत्नी और बेटों को बार-बार तलब किया गया, लेकिन वे एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए. जून में ईडी के अधिकारियों को पता चला कि न्यू रोशन टॉकीज़ पर अतिक्रमण किया गया था और अब्दुल कादर अली मोहम्मद ने 15 करोड़ रुपये में संपत्ति की बिक्री का सौदा किया था.
ED के अनुसार न्यू रोशन टॉकीज की यह संपत्ति इकबाल मिर्ची की थी और 2020 में इसे जब्त किया गया था. इसके बावजूद आरोपी अब्दुल कादर ने न सिर्फ इस जगह पर अवैध कब्जा किया, बल्कि अक्टूबर 2024 में इमारत को गिराकर 15 करोड़ रुपये में बेचने की डील भी कर ली. उसने कथित रूप से नवंबर 2023 में गोविंद बंसल से समझौता कर 99 लाख रुपए एडवांस लिए और थिएटर का सामान भी 5 लाख रुपए में बेच दिया.
जांच में सामने आया कि अब्दुल कादर और इकबाल मिर्ची 1965 से दोस्त थे और पड़ोसी भी थे. 1982 में दोनों ने गिरगांव के पट्टे बापूराव मार्ग स्थित प्लॉट नं. 998 पर बनी इस संपत्ति को 6 लाख में खरीदा था. लेकिन जमीन के पूरे कागज़ कभी भी ट्रांसफर नहीं हुए. इसके बजाय 2023 में अब्दुल कादर ने खुद को संपत्ति का अकेला मालिक बताते हुए एक डीड ऑफ कन्वेयनस तैयार करवा ली और किसी भी कानूनी वारिस को जानकारी नहीं दी, जबकि इकबाल मिर्ची के बेटे जुनैद इकबाल मेमन ने अदालत में याचिका दाखिल कर यह दावा किया है कि यह संपत्ति उनके नियंत्रण में है क्योंकि वह कानूनी वारिस हैं.
ED ने बताया कि न्यू रोशन टॉकीज पहले एक थिएटर था, जहां मुख़्तार पटका (इकबाल मिर्ची का साला) संचालन करता था. कोविड काल के बाद थिएटर बंद हो गया और 2020 में ED ने इसे जब्त कर लिया, लेकिन 2024 में अब्दुल कादर ने पटका को गुमराह कर यह कहकर इमारत गिरा दी कि अब वह संपत्ति उसके नाम है. जब ED ने अब्दुल कादर से 5.40 लाख की मूल खरीद राशि के सबूत मांगे, तो वह कोई बैंक स्टेटमेंट या दस्तावेज़ नहीं दिखा पाया और यह भी नहीं बताया कि रकम नकद दी थी या बैंक के जरिए दी गई.