महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति सरकार में एक बार फिर मतभेद सामने आए हैं. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना कोटे से सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने बीजेपी की राज्य मंत्री (MoS) माधुरी मिसाल पर उनके विभाग से जुड़ी बैठकें उनकी जानकारी के बिना आयोजित करने को लेकर असंतोष जाहिर किया है.
कहां से शुरू हुआ विवाद?
संजय शिरसाट ने इस मुद्दे पर कड़ी भाषा में लिखे एक पत्र में माधुरी मिसाल को निर्देश दिया है कि भविष्य में उनके विभाग से जुड़ी कोई भी बैठक सिर्फ उनकी अध्यक्षता में ही हो. विवाद तब शुरू हुआ जब माधुरी मिसाल ने कुछ विधायकों के अनुरोध पर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठकें कीं और निर्देश जारी कर दिए.
इन बैठकों में विभागीय मंत्री शिरसाट को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया था. इस घटनाक्रम के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या बीजेपी, शिंदे गुट के मंत्रियों को हाशिए पर धकेलने की कोशिश कर रही है.
पहले भी आरोप लगा चुके हैं शिरसाट
गौरतलब है कि इससे पहले भी संजय शिरसाट ने आरोप लगाया था कि उनके विभाग के पैसे का इस्तेमाल एक खास व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. ये घटनाएं साफ तौर पर महायुति सरकार के अंदर चल रहे तनाव को उजागर कर रही हैं.