पशु अधिकार संगठन पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) ने हाल ही में महाराष्ट्र के विधायक रोहित पवार के खिलाफ चुनाव आयोग के अधिकारियों और एनसीपी (सीपी) के मुखिया शरद पवार को एक पत्र लिखा है. पेटा ने रोहित के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस में केकड़ा लटकाने को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
इस मामले में पेटा का कहना है कि विधायक का ये कदम पशु निवारण अधिनियम, महाराष्ट्र आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. 24 मार्च, 2014 को मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों में स्पष्ट है कि चुनाव में जानवरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है.
'सोची-समझी रणनीति थी केकड़े का इस्तेमाल करना'
पेटा इंडिया एडवोकेसी एसोसिएट शौर्य अग्रवाल ने शरद पवार और जिला चुनाव अधिकारी मीनल कालस्कर को लिखे पत्र में कहा, वीडियो से स्पष्ट है रोहित पवार द्वारा केकड़े का इस्तेमाल करना सोची समझी रणनीति थी. उन्होंने मीडिया स्टंट के लिए जीव को अनावश्यक दर्द पहुंचाया है.
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उन्होंने यह भी कहा, रिसर्च से पता चला कि केकड़े काफी होशियार होते हैं जो दर्द को महसूस कर सकते हैं. और वे अपने परिवेश का भी पता लगाते हैं. एक-दूसरे के साथ लगातार संवाद करते हैं.
जानवरों के चुनाव में इस्तेमाल पर हो रोक: PETA
पेटा के बयान में कहा गया है कि पेटा इंडिया ने निर्वाचन आयोग को जानकारी दी थी कि चुनाव अभियानों और रैलियों के लिए जानवरों को बेवजह परेशान किया जाता है. जिसके बाद इलेक्शन कमीशन ने चुनावों में जानवरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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बयान में कहा गया है कि 2013 की अधिसूचना में महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव अभियानों के दौरान गधों, बैल, हाथियों और गायों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था और अधिकारियों को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. वहीं, पेटा इंडिया ने रोहित पवार को भी पत्र लिखा है और उनसे केकड़े को देखभाल के लिए सौंपने का अनुरोध किया है.