मुंबई के पवई स्थित आर ए स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य (50) की अस्पताल में मौत हो गई है. इस घटना के बाद उनकी पुरानी लड़ाई भी चर्चा में है. रोहित मूल रूप से पुणे के रहने वाले थे और शिक्षा विभाग के एक प्रोजेक्ट से जुड़े थे. उनका कहना था कि इस प्रोजेक्ट का भुगतान उन्हें अब तक नहीं मिला है.
जानकारी के मुताबिक अगस्त 2024 में रोहित आर्य एक महीने तक भूख हड़ताल पर रहे थे. 19 अगस्त 2024 को वह तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे. उस समय उनकी पत्नी अंजलि आर्य ने कहा था कि तत्कालीन सरकार ने उनके पति के करोड़ों रुपये के कर्ज का भुगतान नहीं किया है.
रोहित की मौत के बाद सामने आई पुरानी लड़ाई
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि मंत्री ने वादा किया था लेकिन पूरा नहीं किया. अंजलि ने कहा था कि स्वच्छता मॉनिटर प्रोजेक्ट रोहित का था और मंत्री ने इसे माझी शाळा, सुंदर शाळा योजना में शामिल किया था. उनके अनुसार दो करोड़ रुपये मंजूर होने की बात कही गई थी, लेकिन न पैसा मिला और न रोहित को श्रेय दिया गया.
स्कूल शिक्षा विभाग के तत्कालीन संयुक्त सचिव ने भी उस समय कहा था कि प्रोजेक्ट में गलती हुई है और जांच जरूरी है. इस पर रोहित ने आरोप लगाया था कि उन्हें फंसाने की योजना बनाई जा रही है.
साल 2024 में रोहित की पत्नी ने शिक्षा मंत्री पर लगाए थे आरोपबीते दिनों रोहित ने ऑडिशन के बहाने 17 बच्चों समेत 19 लोगों को पवई के आर ए स्टूडियो में बंधक बना लिया था. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर सभी को सुरक्षित निकाल लिया. इस दौरान मुठभेड़ में रोहित घायल हुआ और बाद में उसकी मौत हो गई.