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अकेले मैदान में उतरे तो हार का खतरा, कांग्रेस और राकांपा को करना होगा त्याग : चव्हाण

कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन से इतर पार्टी के वरिष्ठ नेता चव्हाण ने 'भाषा' के साथ बातचीत में कहा, 'दोनों (कांग्रेस और राकांपा) के साथ आए बिना काम नहीं चलेगा. अगर अलग लड़ेंगे तो भाजपा शायद आगे निकल जाएगी, क्योंकि वह हिंदुत्व की राजनीति कर रही है. वोटों का बंटवारा रोकने के लिए समान विचार वाले दलों को साथ आना होगा'.

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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने हाल ही में रिपोर्टर को दिए बयान में कहा कि राज्य में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच गठबंधन की जरूरत है. इसी बात पर जोर देते हुए बोले, 'अगर दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े तो हारने और अप्रासंगिक होने का खतरा है, इसलिए दोनों दलों के नेतृत्व को त्याग करना होगा जिससे की भाजपा को रोका जा सके'.

बता दें, भाजपा-शिवसेना गठबंधन में कड़वाहट के पूछे गए सवाल पर चव्हाण ने कहा कि यह सिर्फ नाटक है क्योंकि भाजपा शिवसेना का साथ नहीं छोड़ेगी और चुनाव के समय किसी न किसी तरह उसे साथ ले लेगी ताकि हिंदुत्ववादी वोटों के बंटवारे को रोका जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार को किसानों और बेरोजगारी के मुद्दों पर घेरना होगा.

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राज्य में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच गठबंधन पर उन्होंने कहा कि सीटों के तालमेल को लेकर दोनों पार्टियों के बीच अड़चनें हैं, लेकिन उनको दूर करने के लिए दोनों के नेतृत्व को परिपक्वता दिखानी होगी.

कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन से इतर पार्टी के वरिष्ठ नेता चव्हाण ने 'भाषा' के साथ बातचीत में कहा, 'दोनों (कांग्रेस और राकांपा) के साथ आए बिना काम नहीं चलेगा. अगर अलग लड़ेंगे तो भाजपा शायद आगे निकल जाएगी, क्योंकि वह हिंदुत्व की राजनीति कर रही है. वोटों का बंटवारा रोकने के लिए समान विचार वाले दलों को साथ आना होगा'. अपनी बात में आगे बोले, 'महाराष्ट्र में दोनों के सामने कोई विकल्प नहीं है. दोनों को साथ आना होगा. साथ नहीं आए तो दोनों हार जाएंगे और अप्रासंगिक हो जाएंगे. सबसे ज्यादा छोटी पार्टियां अप्रासंगिक हो जाएंगी' .

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'जब चुनाव होंगे तो किस तरह से सीटों का बंटवारा होगा, इसको लेकर अड़चने हैं, यह बात मैं मानता हूं. दोनों तरफ के नेतृत्व को परिपक्वता दिखानी होगी'. उन्होंने यह भी कहा कि सीटों के तालमेल के संदर्भ में दोनों दलों को त्याग करना चाहिए.

गौरतलब है कि साल 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में दोनों पार्टियां अलग लड़ी थीं और इसी के साथ दोनों का 15 साल पुराना तालमेल टूट गया था. कांग्रेस ने महाधिवेशन में शनिवार को राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया जिसमें समान विचारधारा वाली पार्टियों से गठबंधन की पैरवी की गई है.

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