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महाराष्ट्र के मंत्री बोले- प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए हर दिन 800 ट्रेन चलाने की जरूरत

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने प्रवासी मजदूरों की राज्य में स्थिति पर कहा है कि हमें 700 से 800 और ट्रेनों की मंजूरी चाहिए जिससे प्रवासी मजदूर अपने राज्यों की ओर भेजे जा सकें. हमें ट्रेनें तो मिल रही हैं लेकिन समस्या यह है कि हमें राज्यों की एनओसी का इंतजार करना पड़ रहा है.

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महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर कर रहे हैं पलायन (तस्वीर-PTI)
महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर कर रहे हैं पलायन (तस्वीर-PTI)

  • महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में फंसे हैं प्रवासी मजदूर
  • राज्य ट्रेनों के लिए NOC देने में कर रहे हैं देरी
महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन-4 का ऐलान कर दिया है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने लॉकडाउन 3.0 पर कहा है कि रविवार को लॉकडाउन 3.0 का आखिरी दिन है. हमने लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने का फैसला लिया है. हम ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में कुछ छूट देंगे. उन्होंने लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर कहा कि राज्यों की ओर से ट्रेनों के लिए एनओसी मिलने में देरी हो रही है.

उन्होंने कहा है कि हर किसी को इस महामारी से निपटने के लिए सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करना होगा, जिससे संक्रमण का फैलाव रुक सके. हमने केंद्रीय पुलिस फोर्स की 20 कंपनियां मांगी है. हमें 9 कंपनियां मिल गई हैं, उन्हें अलग-अलग इलाकों में तैनात किया गया है. लॉकडाउन का पालन कराने के लिए केंद्रीय पुलिस फोर्स की जरूरत महाराष्ट्र सरकार को भी पड़ रही है. महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है.

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अनिल देशमुख ने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र में हैं. मुंबई में प्रवासी मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है. राज्य सरकार मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था कर रही है.

महाराष्ट्र ने किया लॉकडाउन-4 का ऐलान, 31 मई तक बढ़ाई गईं पाबंदियां

उन्होंने कहा कि हमने 2.92 लाख प्रवासी मजदूरों को 224 ट्रेनों के जरिए अलग-अलग राज्यों को भेज दिया है. महाराष्ट्र ट्रांसपोर्ट के पास 11,500 बसें हैं, जिनका इस्तेमाल मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए किया गया है.

केंद्र सरकार ने लिए मजदूरों से टिकट के पैसे

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने केंद्र सरकार पर प्रवासी मजदूरों से टिकट चार्ज लेने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से यह अनुरोध करने के बाद भी कि प्रवासी मजदूरों की आर्थिक स्थिति दयनीय है, केंद्र ने हर मजदूर से टिकट लिया, उनका रोजगार खत्म हो गया है. लेकिन मैं हैरान हूं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह कह रही हैं कि टिकट का 85 फीसदी खर्च केंद्र उठा रहा है. जबकि हमने सीएम रिलीफ फंड से 55 करोड़ रुपये टिकट चार्ज के तौर पर दिए हैं.

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हर दिन 700 से 800 ट्रेनें चलाने की जरूरत

अनिल देशमुख ने कहा कि हमें 700 से 800 और ट्रेनें और चाहिए जिससे प्रवासी मजदूर अपने राज्यों की ओर भेजे जा सकें. हमें ट्रेनें तो मिल रही हैं लेकिन समस्या यह है कि हमें राज्यों की एनओसी का इंतजार करना पड़ रहा है.

बिहार और पश्चिम बंगाल नहीं दे रहे NOC

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में करीब 20 लाख प्रवासी दर्ज हैं. राज्यों को जल्द से जल्द ट्रेनों के मूवमेंट के लिए एनओसी जारी करनी चाहिए. अनिल देशमुख ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल नियमित आधार पर एनओसी नहीं दे रही है जबकि वहां के लिए हर दिन 20 ट्रेन चलाए जाने की जरूरत है.

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अनिल देशमुख ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार सरकार हमें एनओसी नहीं दे रही है. बिहार में हर दिन 10 ट्रेन चलाए जाने की जरूरत है. इसे लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत भी की है.

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