कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के तीसरे चरण में कई ढील दी गई. सरकार ने ग्रीन जोन में उद्योग-व्यापार शुरू करने की इजाजत दे दी. कुछ दुकानें भी खुलने लगीं. मजदूरों को काम भी मिलने लगा, लेकिन प्रवासी मजदूरों के गृह राज्य लौटने का न तो सिलसिला कम हुआ है और ना ही बेचैनी. हरियाणा, पंजाब, दिल्ली के बाद गुजरात के राजकोट में भी घर जाने की मांग को लेकर प्रवासी मजदूर सड़क पर उतर आए.
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गुजरात के राजकोट में शापर-वेरावल हाईवे पर रविवार को आक्रोशित मजदूरों ने जमकर हंगामा किया. आक्रोशित मजदूरों ने तोडफोड़ की और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. इस दौरान मजदूरों को शांत कराने की कोशिश में राजकोट के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा घायल हो गए. वहीं, पत्रकार और पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. काफी मशक्कत के बाद मजदूरों को घर भेजने का आश्वासन देकर प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी तरह शांत कराया.कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
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गौरतलब है कि पैदल ही अपने घर जा रहे मजदूरों ने हरियाणा के यमुनानगर में हाईवे जाम कर प्रदर्शन किया. वहीं, उत्तर प्रदेश में भी मजदूरों ने कानपुर लखनऊ हाईवे पर प्रदर्शन किया. दिल्ली में भी यूपी बॉर्डर पर बड़ी तादाद में मजदूर जमा हो गए थे. बता दें कि कुछ दिन पहले सूरत में भी प्रवासी मजदूरों ने घर जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.